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फुल क्रीम दूध में भी गड़बड़ी, यूपी में साबूदाना-पनीर के साथ मुर्गे-बकरे के मीट का नमूना भी हुआ फेल

cy520520 2025-10-24 04:07:25 views 642

  



जागरण संवाददाता, संभल। खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से लिए गए नमूने जांच में फेल हाे गए। अवर जिलाधिकारी न्यायालय से संबंधित दुकानदारों पर जुर्माना लगाया है। सितंबर माह में 26 नमूने फेल होने के मामले में सुनवाई के बाद यह कार्रवाई की गई। इसमें वनस्पति, पनीर, पोलीपैक फुलक्रीम मिल्क व साबूदाना के साथ मुर्गे व बकरे का मीट समेत अन्य खाद्य सामग्री के नमूने शामिल हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

लोग पैक्ड फूड पर अधिक विश्वास करते हैं। उन्हें लगता है कि उसमें किसी प्रकार की कोई मिलावट या कमी नहीं हो सकती है। परन्तु खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से लिए गए नमूनों की जांच के बाद उनके फेल होने की रिपोर्ट मिली थी। जिसमें पैक्ड़ फूड भी शामिल थे और उससे उनके खराब गुणवत्ता की पुष्टि हुई है।

अपर जिलाधिकारी न्यायालय की ओर से इन फेल नमूने वाले खाद्य पदार्थों की बिक्री करने वाले दुकानदारों पर जुर्माना लगाया गया है। विभाग की माने तो जांच के दौरान दुकानों से लिए गए नमूनों को जांच के लिए लैब भेजा जाता है। यदि वहां से रिपोर्ट नमूने के फेल होने की मिलती है तो संबंधित दुकानदार के खिलाफ अपर जिलाधिकारी न्यायालय में वाद दायर किया जाता है।

लैब रिपोर्ट और दुकानदार को सुनने के बाद निर्णय सुनाया जाता है। इसी सुनवाई के दौरान सितंबर माह में 26 फेल नमूनों पर 19 लाख 80 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है। इन फेल नमूनों में गुड़, मैंदा, बर्फी, खोया, दूध, कुट्टू का आटा, सरसो का तेल, मैंदा, दाले, मसाले, सोनपापड़ी, हल्दी, बेसन, पोलीपैक फुल क्रीम दूध, साबूदाना, पनीर व वनस्पति शामिल है।

सबसे खास बात यह है कि 26 नमूनों पर 19.80 लाख का जुर्माना लगाया है। जिसमें से वनस्पति, साबूदाना, पनीर व पोलीपैक फुलक्रीम दूध पर ही 12.10 लाख का जुर्माना लगाया गया है। जबकि शेष 21 नमूनों पर 7.70 लाख का जुर्माना लगाया गया है।


खाद्य पदार्थों में गुणवत्ता बनाए प्रत्येक दुकानदार का दायित्व है। मगर, कई बार थोड़े से कुछ दुकानदार थोड़े से लालच में मिलावटी व मानक के अनुरूप न होेने वाले सामान को भी बेचते हैं। इससे लोगों के स्वास्थ्य पर खराब प्रभाव पड़ सकता है। इसलिए ही विभाग की ओर से समय समय पर अभियान चलाकर नमूने लिए जाते हैं और उनके जांच में फेल होने के बाद न्यायालय की ओर से कार्रवाई की जाती है। -राहुल सिंह, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी संभल
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