समस्तीपुर में आजादी के बाद भी आधी आबादी को नहीं मिला प्रतिनिधित्व
प्रकाश कुमार, समस्तीपुर। समस्तीपुर विधानसभा में आजादी के दशकों बाद भी आधी आबादी को प्रतिनिधित्व करने का मौका नहीं मिला है। जबकि, बिहार की राजनीति में समस्तीपुर विधानसभा का अहम किरदार रहा है। राज्य के मुख्यमंत्री रहे महान समाजवादी नेता भारत रत्न जननायक कर्पूरी ठाकुर ने 1980 से 1985 तक इस सीट का प्रतिनिधित्व किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
वर्तमान में राजद का इस सीट पर कब्जा कायम है। समस्तीपुर विधानसभा की स्थापना 1957 में हुई थी। यहां अभी तक कुल 18 चुनाव हुए। जिसमें 2005 में दो बार चुनाव भी शामिल है। परंतु हैरत की बात यह है कि यहां से एक बार भी महिला प्रत्याशी को जीत नहीं मिली है। इस सीट पर मुस्लिम और यादव वोटर सबसे अधिक हैं।
हालांकि ब्राह्मण, राजपूत मतदाताओं की संख्या भी अच्छी है। जबकि हमेशा से यहां महिला मतदान प्रतिशत पुरुषों की तुलना में मात्र 18 हजार 380 कम है। समस्तीपुर विधानसभा में समस्तीपुर नगर निगम और समस्तीपुर प्रखंड शामिल है।
ताजा आंकड़े के अनुसार समस्तीपुर विधानसभा में कुल दो लाख 74 हजार 74 मतदाता हैं। जिसमें पुरुष मतदाता एक लाख 46 हजार 223 और महिला मतदाता एक लाख 27 हजार 843 पंजीकृत है। जबकि, इसमें करीब 50 हजार पुरुष मतदाता रोजी रोटी की तलाश में हर साल अन्य राज्यों में पलायन कर जाते हैं।
कब किसको मिली जीत
समस्तीपुर विधानसभा क्षेत्र समस्तीपुर सुरक्षित लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है। राजद से अख्तरूल इस्लाम शाहीन 2010 से समस्तीपुर के विधायक हैं। वे तीन बार हैट्रिक लगा चुके है। 2020 में उन्होंने जदयू की अश्वमेघ देवी को मात दी। शाहीन को 68 हजार 507 (41.21 प्रतिशत) वोट मिले जबकि अश्वमेघ देवी को 63 हजार 793 (38.37 प्रतिशत) मत प्राप्त हुए।
2015 में उन्होंने भाजपा की रेणु कुमारी को हराया था। शाहीन ने रेणु कुमारी को बड़े अंतर से पराजित किया था। 2000 से 2010 तक कर्पूरी ठाकुर के पुत्र रामनाथ ठाकुर (जदयू) यहां के विधायक रहे। यह महागठबंधन की मजबूत उपस्थिति को दर्शाता है। 1957 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी के यदुनंदन सहाय विधायक बने।
कांग्रेस को पांच बार मिली जीत
समस्तीपुर विधानसभा से कांग्रेस पार्टी ने सबसे अधिक पांच बार जीत दर्ज की है। जबकि जदयू व राजद ने तीन-तीन बार जीत दर्ज कराई है। इसके अलावा एसएसपी, जनता पार्टी व जनता दल ने दो-दो और लोक दल ने एक बार जीत दर्ज की है। लेकिन इसमें एक भी महिला प्रत्याशी नहीं है। पिछले दो चुनाव वर्ष 2015 और 2020 में एनडीए गठबंधन ने महिला प्रत्याशी पर भरोसा जताया था। वर्ष 2015 में भाजपा ने महिला प्रत्याशी रेणु कुमारी का उतारा था। वर्ष 2020 जदयू ने अश्वमेघ देवी पर भरोसा जताया था, लेकिन बदकिस्मती से उनको भी मुंह की खानी पड़ी।
वर्ष निर्वाचित विधायक दल
1957
सहदेव महतो
कांग्रेस
1957
यदुनंदन सहाय
कांग्रेस
1962
सहदेव महतो
कांग्रेस
1962
तेज नारायण ईश्वर
कांग्रेस
1967
राजेंद्र नारायण शर्मा
एसएसपी
1969
राजेंद्र नारायण शर्मा
एसएसपी
1972
सहदेव महतो
कांग्रेस
1977
चन्द्रशेखर सिंह
जनता पार्टी
1980
कर्पूरी ठाकुर
जनता पार्टी
1985
अशोक सिंह
लोक दल
1990
अशोक सिंह
जनता दल
1995
अशोक सिंह
जनता दल
2000
रामनाथ ठाकुर
जदयू
2005
रामनाथ ठाकुर
जदयू
2005
रामनाथ ठाकुर
जदयू
2010
अख्तरूल इस्लाम शाहीन
राजद
2015
अख्तरूल इस्लाम शाहीन
राजद
2020
अख्तरूल इस्लाम शाहीन
राजद
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