चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स का ऐतिहासिक कीर्तिमान। फोटो जागरण
संवाद सहयोगी, मिहिजाम (जामताड़ा)। भारतीय रेलवे की शान और देश की सबसे बड़ी कैप्टिव इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव निर्माता इकाई चित्तरंजन लोकोमोटिव वर्क्स (सीएलडब्ल्यू) ने एक बार फिर असंभव को संभव कर दिखाया है।
वित्तीय वर्ष 2025-26 के महज 148 कार्य दिवसों में 400 इलेक्ट्रिक इंजनों का निर्माण कर सीएलडब्ल्यू ने स्वर्णिम इतिहास रचा है। यह उपलब्धि 25 सितंबर को तब दर्ज हुई जब 400वां इंजन चितरंजन कारखाने के परिसर से रवाना हुआ।
इस उपलब्धि में चित्तरंजन मुख्य इकाई ने 300 और डानकुनी सहायक इकाई ने 100 इंजन का योगदान दिया। उल्लेखनीय है कि इस बार 400 इंजनों का निर्माण पिछले वर्ष की तुलना में 45 दिन पहले ही पूरा कर लिया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
डानकुनी इकाई ने भी सराहनीय प्रदर्शन किया, जिसने इस अवधि में 100 इंजनों का उत्पादन किया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में उसका आंकड़ा 86 था।
इस वर्ष की उपलब्धियों की श्रृंखला देखते हुए साफ है कि सीएलडब्ल्यू निरंतर नये माइलस्टोन गढ़ रहा है। 14 अगस्त को 115 कार्य दिवसों में 300वां इंजन, 28 जून को 75 दिन में 200 वां और 20 मई को मात्र 41 कार्य दिवसों में 100वां इंजन तैयार कर चितरंजन ने कार्यकुशलता का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।hapur-city-crime,deadly kite string,Babugarh accident,kite string injury,road accident,Uttar Pradesh crime,kite flying hazard,Mohammad Rahul,illegal kite string,kite flying ban,kite string safety,Uttar Pradesh news
गौरतलब है कि पिछले वित्तीय वर्ष में सीएलडब्ल्यू ने सबसे तेज़ 500, 600 और 700 इंजनों का रिकॉर्ड कायम किया था और अब चालू वित्तीय वर्ष में 100, 200, 300 और 400 इंजनों का रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है।
रेलवे बोर्ड ने इस वित्तीय वर्ष के लिए चिरेका को 777 इंजनों का लक्ष्य सौंपा है। वर्तमान प्रदर्शन से यह स्पष्ट है कि सीएलडब्ल्यू न केवल इस लक्ष्य को प्राप्त करेगा बल्कि उसे पार भी कर जाएगा।
महाप्रबंधक विजय कुमार ने इस उपलब्धि पर टीम चिरेका को हार्दिक बधाई दी और कहा कि रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित हर लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वे पूर्णतः दृढ़ और प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि टीम भावना और कर्मठता का परिणाम है और हम सब मिलकर भारतीय रेल को नई ऊंचाइयों तक ले जाएंगे। |