आतिशबाजी के दौरान आंखों का भी ख्याल रखें। प्रतीकात्मक
जागरण संवाददाता, देहरादून। दीपावली पर पटाखों से निकलने वाला धुंआ व चिंगारी त्वचा के साथ ही सांस संबंधी बीमारियों को बढ़ा देती है। ऐसे में बचाव जरूरी है। आतिशबाजी के दौरान सांस के रोगी ध्यान रखें व आंखों का भी ख्याल रखें। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जिला चिकित्सालय के फिजीशियन डा. प्रवीण पंवार का कहना है कि पटाखों से निकलने वाला धुंआ और रासायनिक तत्व जलन, सूजन और एलर्जी का कारण बनते हैं। सांस लेने वालों को सबसे ज्यादा समस्या होती है। ऐसे समय में सावधान रहना जरूरी है।
राजकीय दून मेडिकल चिकित्सालय के नेत्र रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डा. शांति पांडेय का कहना है कि पटाखे जलने के दौरान लगातार तेज रोशनी की तरफ न देखें। यदि आंख लाल हो तो कोई कण पड़ जाए तो ठंडे पानी से धो दें। पटाखें जलाते समय निश्चित दूरी बनाकर रखें। आंख में चिंगारी अथवा कण गिर जाए तो उसे रगड़ें नहीं बल्कि साफ पानी से धोएं। जलन होने पर चिकित्सकों की सलाह लें। पटाखें जलाते समय कान्ट्रेक लैंस का उपयोग ना करें। पारदर्शी चश्में का इस्तेमाल कर सकते हैं। ढीले, लहराते और एकदम आग पकड़ने वाले कपड़े न पहनें। |