deltin33 • 2025-10-18 04:07:12 • views 966
जागरण संवाददाता, लखनऊ। डा. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विवि (एकेटीयू) के बैंक खाते से 120 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में साइबर थाने की टीम ने शुक्रवार को विजय द्वारकादास पटेल को अहमदाबाद से गिरफ्तार किया। विजय ने धोखाधड़ी की रकम को कई फर्मों और जाली खातों में ट्रांसफर कराई थी फिर हवाला के जरिए नकदी अलग-अलग शहरों में भेजी थी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मामले में अन्य की जालसाजों की तलाश की जा रही है। अबतक गिरोह के 11 जालसाज गिरफ्तार हो चुके हैं।
इंस्पेक्टर साइबर क्राइम थाना बृ़जेश कुमार यादव के मुताबिक गिरफ्तार आरोपित विजय द्वारकादास पटेल अहमदाबाद के चांदलोडिया स्थित धर्मराज सोसाइटी निवासी है।
पूछताछ में उसने बताया कि वह अहमदाबाद में हवाला का काम करता है। जालसाजी की रकम विभिन्न फर्मों के खातों में आरटीजीएस कराकर अपना कमीशन लेता है। विजय ने बताया कि एकेटीयू के खाते से रकम पार करने की साजिश अहमदाबाद में ही रची गई थी।
साजिश में यूपी, गुजरात और महाराष्ट्र के जालसाज शामिल थे। सभी जालसाजों की जिम्मेदारी तय कर दी गई थी। योजनाबद्ध तरीके से पूरा काम किया गया था। गिरोह में कई बड़े व्यवसायी भी शामिल थे। उसने रकम के 60 लाख रुपये नकद निकाले फिर उन्हें हवाला के जरिए आधी-आधी रकम लखनऊ व अहमदाबाद भेजी थी।
मई 2024 में अहमदाबाद में फ्राड की साजिश रची गई थी। उसके बाद मीटिंग हुई। मीटिंग में उन्नाव का भोजपुरी फिल्म निदेशक राजेश बाबू, अहमदाबाद का हितेंद्र शाह, सुनील त्रिवेदी, सूरत का कपिल वसोया और अन्य लोग शामिल हुए थे। वहीं बताया गया था कि उत्तर प्रदेश में बड़ा फंड आने वाला है।
इसके बाद सात जून को हितेंद्र ने विजय को सूचना दी कि लखनऊ वाला फंड क्लियर हो गया है। विजय ने एमआइ ट्रेडर्स के नाम से एसबीआइ का खाता भेजा। श्रद्धा एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट में 96 लाख रुपये ट्रांसफर हुए। 35 लाख रुपये अपनी फर्म गोशाला के खाते में, 61 लाख रुपये अपने कैशमैन सतीश कुमार से नकद निकवालए। 60 लाख रुपये आंगड़िया/हवाला के माध्यम से लखनऊ और 30 लाख रुपये अहमदाबाद भेजे थे। विजय ने अपने कमीशन की मोटी रकम रख ली। इसके अलावा अन्य खातों मे मोटी रकम ट्रांसफर की गई थी।
यह है मामला
एकेटीयू द्वारा 120 करोड़ रुपये की एफडी कराई जानी थी। बीते जून माह में जालसाज गिरोह से जुड़ा अनुराग श्रीवास्तव ने खुद को यूनियन बैंक आफ इंडिया का मैनेजर बताते हुए एकेटीयू पहुंचा। वहां अधिक ब्याज का प्रलोभन देकर बिड में शामिल हुआ। यूनियन बैंक आफ इंडिया का फर्जी अथारिटी लेटर फाइनेंस कंट्रोलर को दिया था।
फिर अगले दिन खुद को एकेटीयू का फाइनेंस कंट्रोलर बताकर फर्जी वेबसाइड बनाकर बैंक मैनेजर से मिला। फर्जी दस्तावेज तैयार दिए। खाते से 120 करोड़ रुपये निकाल कर गुजरात और अहमदाबाद के खातों में ट्रांसफर करा दिए थे। साइबर थाने की टीम इस मामले में अबतक गिरोह से जुड़े आठ से नौ लोगों को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। |
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