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मरीज को घर बैठे मिलनी चाहिये खून की जांच रिपोर्ट, गाजियाबाद सीएमओ ने जारी किया सख्त आदेश

deltin33 2025-9-25 23:06:45 views 1249

  मरीज के खून की जांच करते चिकित्सक। (सांकेतिक तस्वीर)





जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। शासन के निर्देश पर अब जिला अस्पताल से लेकर सीएचसी और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों तक में मरीजों को खून की जांच रिपोर्ट ऑनलाइन ही भेजनी होगी। सीएमओ डॉ. अखिलेश मोहन ने इस संबंध में अस्पतालों के सीएमएस, सीएचसी के प्रभारी और आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर तैनात सीएचओ एवं चिकित्सकों को सख्त आदेश जारी कर दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

आदेश में लिखा है कि हेल्थ मैनेजमेंट इन्फोर्मेशन सिस्टम(एचएमआइएस) को लैब मैनेजमेंट इन्फोर्मेशन सिस्टम(एएलएमआइएस) सॉफ्टवेयर से इंटीग्रेट किया जाना जरूरी है। इसके लिए 16 सितंबर को सीएमओ कार्यालय में समस्त लैब टेक्नीशियन को विशेष प्रशिक्षण भी दिया गया था।


MMG अस्पताल में रोज लिए जाते हैं तीन हजार से ज्यादा सैंपल

इसके लिए आभा आधारित ओपीडी पंजीकरण वाले मरीजों की प्रयोगशालाओं की जांच रिपोर्ट डिजिटल माध्यम से भेजने का इंतजाम किया जाए। अकेले जिला एमएमजी अस्पताल में रोज तीन हजार से अधिक ब्लड जांच को पांच सौ से अधिक मरीजों के सैंपल लिये जाते हैं। संयुक्त अस्पताल में भी दो सौ मरीजों के खून की जांच होती है।kaushambi-general,Kaushambi power grid,new substations Kaushambi,power infrastructure 2025-26,electricity supply improvement,Manjhanpur power substation,Sirathu power substation,Kaushambi electricity upgrade,power distribution Kaushambi,business plan 2025-26,power grid maintenance,Uttar Pradesh news

जिला महिला अस्पताल में यह संख्या तीन सौ है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर और सीएचसी पर भी रोज सौ से अधिक मरीजों की जांच होती है। जांच रिपोर्ट अगले दिन, दूसरे दिन या फिर तीसरे दिन मरीज के जाने पर ही मिलती है।



यह स्थिति तब है जबकि पैथालाजी में जांच करने वाली मशीनें अत्याधुनिक हैं। मरीज के मोबाइल पर एसएमएस के माध्यम से जांच रिपोर्ट भेजे जाने की व्यवस्था पांच साल से है। जिले में केवल एमएमजी अस्पताल में यह सुविधा अटक अटककर चल रही है।

गर्भवती महिलाओं को जिला महिला अस्पताल की चौथी फ्लोर पर जाकर जांच रिपोर्ट खुद ही लेनी पड़ती है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि मरीजों को कितनी परेशानी होती है। चिकित्सक भी मोबाइल पर जांच रिपोर्ट दिखाने के नाम पर नाराज हो जाते हैं। देखना यह है कि सीएमओ के इस आदेश का असर कितना होगा।
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