बाजरे की खरीद न होने से गुस्साए किसानों को समझाते हेलीमंडी चौकी इंचार्ज सत्य प्रकाश यादव। जागरण
संवाद सहयोगी, पटौदी। नई अनाज मंडी जाटोली में बुधवार को शुरू हुई बाजरे की खरीद किसानों के लिए परेशानी का सबब बन गई। अधिकांश किसानों का बाजरा बदरंग बताकर न खरीदे जाने से मंडी में हंगामे जैसे हालात बन गए। आक्रोशित किसानों ने खरीद प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए चेतावनी दी कि यदि उनकी फसल खरीदी नहीं गई तो वे सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मंगलवार से खरीद शुरू होनी थी, लेकिन यह बुधवार दोपहर बाद ही शुरू हो सकी। मंडी में 153 किसान करीब 3992 क्विंटल बाजरा लेकर पहुंचे। लेकिन अधिकारियों ने केवल कुछ ढेरियां ही खरीदीं, जबकि ज्यादातर किसानों का बाजरा बदरंग बताकर छोड़ दिया गया।
किसान बुधराम, सुंदर शर्मा, बलजीत, करतार सिंह, नवीन कुमार व सूरजभान ने कहा कि अति वर्षा के कारण सभी किसानों की फसल बदरंग हुई है। ऐसे में सरकार व एजेंसियों को इसे खरीदना चाहिए, न कि बहाना बनाकर किसानों को परेशान करना।
कुछ किसानों को यह कहकर भी रोक दिया गया कि उनकी फसल का रिकार्ड ई-पोर्टल पर वेरिफाई नहीं है। किसानों का कहना है कि उन्होंने समय पर मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण कराया था। यदि रेवेन्यू विभाग की ओर से पुष्टि नहीं की गई तो यह उनकी गलती नहीं है।Solar, Solar and Lunar Eclipse, सूर्य ग्रहण,चंद्र ग्रहण,astrological significance,ग्रहण का प्रभाव,spiritual impact,astropatri,Divya Gautam,rahu and ketu,ग्रहण के नियम,eclipse astrology
ऐसे में उन्हें शिकायत दर्ज कराने व कई दिन इंतजार करने को कहा जा रहा है। मंडी में ठहरने की न तो जगह है और न ही खाने-पीने की कोई व्यवस्था। किसानों का कहना है कि यदि प्रशासन तैयार नहीं था तो खरीद शुरू करने की घोषणा ही क्यों की गई।
इस बीच चौकी इंचार्ज सत्य प्रकाश यादव ने मौके पर पहुंचकर किसानों को समझाया और आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं की जानकारी उच्चाधिकारियों तक पहुंचा दी गई है।
वहीं, मार्केट कमेटी सचिव विपिन यादव ने किसानों से अपील की है कि वे ई-खरीद पोर्टल पर अपने रिकॉर्ड की स्थिति कि वह वेरीफाई है या नहीं, देखकर ही मंडी में फसल लेकर आएं। इधर बुधवार को अनाजमंडी में 3992 क्विटल बाजरा में से वारे हाउस ने 795 कुंतल तथा निजी क्षेत्र ने 92 कुंतल बाजरे की खरीद की। इस प्रकार मंडी में आया लगभग 22 प्रतिशत बाजरा ही खरीदा जा सका। |