CBSE को कैसे टक्कर देगा हिमाचल शिक्षा बोर्ड? अध्यक्ष डा. राजेश शर्मा ने बताया क्या होंगी चुनौतियां; कैसे पाएंगे पार

LHC0088 2025-9-25 21:06:35 views 1263
  हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डा. राजेश शर्मा। जागरण





अजय अत्री, धर्मशाला। Himachal Pradesh Govt Schools, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष डा. राजेश शर्मा का कहना है कि प्रदेश के 100 स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध करने का निर्णय जनता और बच्चों के हित में है। यह मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का विजन है, जिससे न केवल बच्चे बल्कि उनके अभिभावक भी प्रसन्न हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

डा. शर्मा ने दैनिक जागरण के बनोई स्थित कार्यालय के सभागार में अकादमिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की यह पहल निश्चित रूप से छात्रों के सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होगी।


पाठ्यक्रम में ज्यादा अंतर नहीं

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड और सीबीएसई के के पाठ्यक्रम में ज्यादा अंतर नहीं है, लेकिन सीबीएसई पाठ्यक्रम राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे जेईई और नीट के लिए आधार का काम करता है। पहले यहां के बच्चे दिल्ली के स्कूलों के बच्चों से प्रतिस्पर्धा में पिछड़ते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
रुचि अनुसार विषय पूछकर शिक्षित किए जाएंगे छात्र

डा. शर्मा ने बताया कि हम एक एप भी विकसित कर रहे हैं, जिसमें बच्चों की रुचि के अनुसार विषय पूछे जाएंगे और उसी के अनुसार उन्हें शिक्षित किया जाएगा।


प्रश्न पत्र बैंक बनाएगा शिक्षा बोर्ड

इसके अलावा, पिछले 15 वर्ष में परीक्षाओं में आए प्रश्नों की सूची भी बनाई जाएगी, जिससे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों को मदद मिल सकेगी। बेशक अब भी हिमाचल में सीबीएसई संबद्धता वाले बहुत से स्कूल हैं लेकिन अधिकतर निजी क्षेत्र में हैं। सरकार इनका दायरा बढ़ाना चाहती है। ranchi-general,Ranchi News,Ranchi Latest News,Ranchi News in Hindi,Ranchi Samachar,Ranchi News,Ranchi Latest News,Ranchi News in Hindi,Ranchi Samachar,Jharkhand High Court,TET Exam 2026,Assistant Teacher Appointment,Teacher Recruitment Jharkhand,JET Exam Jharkhand,Advocate Aparajita Bhardwaj,Jharkhand news
सीबीएसई हमसे प्रेरणा लेगा : डा. राजेश शर्मा

उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रदेश के स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध करने का अर्थ यह नहीं है कि हिमाचल बोर्ड के लिए कुछ नहीं बचेगा। हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड बना रहेगा और हमारा लक्ष्य इसे इस तरह से विकसित करना है कि सीबीएसई हमसे प्रेरणा ले।


बोर्ड कर्मचारी निश्चिंत रहें

कुछ कर्मचारी भी सशंकित हैं कि उनका क्या होगा, तो मैं उन्हें विश्वास दिलाता हूं कि ऐसा कुछ नहीं किया जाएगा जिससे उनका कोई अहित हो। वे बने रहेंगे। इस समय बोर्ड में लगभग 350 कर्मचारी हैं। एक दरवाजा बंद होता है तो दूसरा खुलता भी है।

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100 स्कूलों को सीबीएसई से संबंद्ध करना चुनौतीपूर्ण

उन्होंने कहा कि निस्संदेह 100 स्कूलों को सीबीएसई से संबद्ध करने का काम चुनौतीपूर्ण है लेकिन हम हिमाचली लोग बाधाओं से पार पाना जानते हैं और धीरे-धीरे मुख्यमंत्री के इस विजन को भी साकार कर दिखाएंगे। इस काम में अध्यापकों को ज्यादा मेहनत करनी होगी, उन्हें सीबीएसई के अनुसार तैयार होना होगा, हम इसके लिए प्रशिक्षण भी चलाएंगे।



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