बिहार चुनाव से पहले एनडीए में सीट बंटवारे का ब्लूप्रिंट तैयार (फाइल फोटो)
अरविंद शर्मा, नई दिल्ली। पटना में एनडीए के घटक दलों से बारी-बारी प्रस्ताव लेने के बाद शनिवार को दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं की अहम बैठक हुई। अब रविवार को सभी सहयोगी दलों के प्रमुख नेताओं के बीच निर्णायक विमर्श होगा, ताकि सीट बंटवारे की गुत्थी सुलझाकर अंतिम सहमति बनाई जा सके। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
छोटी-छोटी अड़चनों को दूर करते हुए रविवार को ही फार्मूला तय होने की उम्मीद है। उसी शाम भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक भी प्रस्तावित है, जिसमें पार्टी अपने हिस्से की सीटों पर उम्मीदवारों के नाम पर अंतिम मुहर लगाएगी। इसके बाद गठबंधन औपचारिक रूप से चुनावी मैदान में उतर जाएगा।
एक-दो दिनों में होगी घोषणा
एक-दो दिनों में पटना में सीटों की संख्या की घोषणा की तैयारी है। हालांकि घटक दलों के दावों और मांगों पर अंतिम सहमति अभी नहीं बनी है, लेकिन सूत्रों के अनुसार तैयार किए गए ब्लूप्रिंट से यह साफ है कि रविवार तक सीटों का फार्मूला सामने आ जाएगा और अगले ही दिन उम्मीदवारों की सूची भी जारी होगी।
बिहार चुनाव के इ निर्णायक पड़ाव पर भाजपा नेतृत्व की पूरी कोशिश है कि गठबंधन की \“बड़ी तस्वीर\“ एकजुटता की झलक दे और किसी तरह की दरार न दिखे। इसी उद्देश्य से एनडीए के सभी प्रमुख नेताओं को रविवार को दिल्ली बुलाया गया है।
रविवार को अमित शाह के साथ होगी बैठक
पटना में पूर्व सांसद अरुण कुमार को जदयू में शामिल कराए जाने के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता ललन सिंह और कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा दिल्ली पहुंच चुके हैं। हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष जीतनराम मांझी, लोजपा (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान और राष्ट्रीय लोक मोर्चा (रालोमो) के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा पहले से दिल्ली में मौजूद हैं। सभी नेताओं की भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ संयुक्त बैठक रविवार को प्रस्तावित है, जिसमें सीट बंटवारे के प्रारूप पर अंतिम मुहर लग सकती है।
इसके बाद भाजपा नेतृत्व अपने हिस्से की सीटों पर उम्मीदवारों के नाम तय करेगा।शनिवार को पटना से प्रस्तावों की प्रक्रिया पूरी होने के बाद दिल्ली में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर शीर्ष स्तर की बैठक हुई। इसमें गृह मंत्री अमित शाह, बिहार प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, विनोद तावड़े सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।
बैठक में जदयू, लोजपा (रामविलास), हम और रालोमो से मिले प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की गई। सबकी मांगों को संतुलित ढंग से शामिल करते हुए ब्लू¨प्रट को अंतिम रूप देने की कोशिश की गई।भाजपा के शीर्ष सूत्रों का कहना है कि मांझी और कुशवाहा की मांगों में चाहे जो अड़चन दिखे, परंतु नेतृत्व स्तर पर उनकी सहमति बन चुकी है। असली पेच लोजपा (रामविलास) की सीटों को लेकर है। मामला संख्या का नहीं कुछ खास सीटों की \“पसंद\“ का है।
कौन-कौनसी सीट मांग रहे चिराग पासवान
चिराग पासवान जिन सीटों की मांग कर रहे हैं, उनमें कई जदयू के खाते में हैं। संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा ने इस मसले पर लचीला रुख अपनाया है ताकि समझौते की गुंजाइश बनी रहे। सूत्र बताते हैं कि चिराग का मामला सुलझने के बाद भाजपा-जदयू के बीच सीटों का बंटवारा लगभग बराबर हिस्सेदारी में तय हो जाएगा। लेकिन गठबंधन में जदयू \“बड़े भाई\“ की भूमिका में रहेगा। |