पंजाब में धान के फसल पर हल्दी रोग का बढ़ा हमला।
राज्य ब्यूरो, चंडीगढ़। राज्य के किसानों की परेशानियां कम होती नजर नहीं आ रहीं। पहले राज्य में आई बाढ़ ने पांच लाख एकड़ धान की फसल को बर्बाद कर दिया जिसमें अधिकांश क्षेत्र में धान और गन्ने की फसल थी। जिन इलाकों में बाढ़ नहीं आई उनमें धान की फसल पर चाइनीज वायरस के हमले के कारण पौधे बोने हो गए जिस कारण पैदावार कम निकल रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दैनिक जागरण ने पिछले सप्ताह यह रिपोर्ट की थी कि अधिकांश किसानों की धान की पैदावार पांच से आठ क्विंटल तक कम आ रही है। हालांकि अभी तक ज्यादातर किसानों ने अपनी फसल की कटाई की नहीं है। मंडियों में केवल 11 लाख क्विंटल धान ही आई है जो कुल पैदावार का पांच प्रतिशत ही बनती है।
लेकिन अब यह भी देखने में आ रहा है कि पटियाला, फतेहगढ़ साहिब , मोहाली और रोपड़ जिलों में फसल को हल्दी रोग हो गया है जिससे दाना काला पड़ता जा रहा है। किसानों की चिंता यह है कि बदरंग फसल को बेचने में दिक्कत आएगी क्योंकि ऐसी फसल को सरकारी एजेंसियां और मिलर्स नहीं खरीदेंगे या फिर कट लगाएंगे।
फतेहगढ़ साहिब के गांव मैण माजरी के किसानों ने बताया कि तीन बार रासायनिक दवाओं का स्प्रे करने के बावजूद भी यह रोग नहीं गया है और दाना काला पड़ता जा रहा है। उन्होंने बताया कि कहीं कहीं तो यह काफी ज्यादा है लेकिन कहीं कहीं फसल ठीक निकल रही है।
किसान अवतार सिंह ने बताया कि इस बार आस थी कि 2023 की तरह हमारे यहां बाढ़ नहीं आई और बारिश में ठीक हुई जिसका असर पैदावार पर भी पड़ेगा लेकिन अब लग रहा है कि पैदावार पिछले साल के मुकाबले 10 से 15 प्रतिशत तो निश्चित तौर पर कम होगी। |
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