जागरण संवाददाता, लखनऊ। एमिटी यूनिवर्सिटी के हास्टल से निकाले जाने पर बीसीए छात्र ने शुक्रवार को आत्महत्या का प्रयास किया। आशंका जताई जा रही है कि छात्र ने जहरीला पदार्थ खाया है। साथी छात्रों ने उसे बेसुध हालत में देखा तो वार्डन और अन्य लोगों को सूचना दी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
कालेज प्रशासन ने पुलिस की मदद से उसे लोहिया संस्थान पहुंचाया, जहां उसका इलाज चल रहा है। इंस्पेक्टर चिनहट दिनेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि मौके से दो पन्नों का एक नोट बरामद हुआ है, जिसमें छात्र ने कालेज प्रशासन को घटना का जिम्मेदार ठहराया है। तहरीर मिलने पर आगे की कार्यवाही की जाएगी।
इंस्पेक्टर ने बताया कि कानपुर के कल्याणपुर निवासी नीलेश पाल एमिटी यूनिवर्सिटी में बीसीए प्रथम वर्ष का छात्र है। उसके कमरे से दो पन्नों का एक नोट मिला है, जिसमें उसने लिखा है कि वह गुरुवार को गेट नंबर दो के पास से दीवार फांदकर दोस्त के साथ बाहर गया था।
ज्यादा देर होने पर उसने मोबाइल स्विच आफ होने से पहले अपनी मां को फोन कर बता दिया था कि वह बाहर आया है और सुबह गेट खुलने पर वापस चला जाएगा। लेकिन जब वह शुक्रवार सुबह पहुंचा तो कालेज प्रशासन ने बिना उसकी बात सुने ही उसे हास्टल से निकालने का फैसला ले लिया।
नीलेश का आरोप है कि जब वह चीफ प्राक्टर के पास पहुंचा और अपनी बात कहने की कोशिश की तो उन्होंने जातिसूचक बात कही और उसके माता-पिता को लेकर भी अभद्र भाषा का प्रयोग किया। नीलेश ने कालेज परिसर में चरस और गांजा बेचा जाता है और कई बार चाकूबाजी जैसी घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन इन सबके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। सिर्फ बाहर जाने के कारण उसे निकाल दिया गया, जिससे वह आहत है और उसने आत्महत्या का कदम उठाया।
पहले से बेहतर है हालत
लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रवक्ता प्रो. भुवन चंद्र तिवारी के मुताबिक, नीलेश को करीब सवा चार बजे इमरजेंसी लाया गया था। अब बीपी और पल्स सामान्य है। खतरे जैसी कोई बात नहीं है। यूरिन और खून के सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं। फिलहाल, जहर खाने की पुष्टि नहीं हुई है।
घटना के बाद एक विस्तृत जांच की जा रही है। विद्यार्थियों के लिए 24 घंटे काउंसलिंग सेवा और हेल्पलाइन सुविधा भी संचालित की जाती है।
-चंद्रशेखर वर्मा, एमिटी विवि के सूचना एवं जनसंपर्क उपनिदेशक |
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