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गोंडा में दिवाली से पहले पटाखा कारोबारी हुई सक्रिय।
संवाद सूत्र, गोंडा। फार्रूखाबाद, कानपुर व अयोध्या में विस्फोट से जिले का पुलिस प्रशासन सबक लेने को तैयार नहीं हैं। दीपावली पर्व को लेकर पटाखा कारोबारी सक्रिय हो गए। दीपावली पर करोड़ों रुपये के पटाखा का कारोबार होता है। सवाल उठता है कि क्या एक दिन में इतना बारूद आ जाएगा। पुलिस सुस्त है इससे बड़ा हादसा होने की आशंका जताई जा रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गत वर्ष बेलसर डीहा में अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट से तीन लोगों की मौत हो गई थी लेकिन, इस वर्ष पटाखा के निर्माण व भंडारण को लेकर जांच नहीं शुरू की गई है। ऐसे में यह शिथिलता भारी पड़ सकती है लेकिन, जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं।
जिले में पटाखा बनाने के लाइसेंस भले ही एक भी न हों, लेकिन यहां प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपये के पटाखे अवैध रूप से न सिर्फ बनाए जाते हैं बल्कि, उनकी बिक्री भी होती है। बारूद के इस अवैध कारोबार का राजफाश तबतक नहीं होता जबतक कोई बड़ी घटना नहीं हो जाती।
गत वर्ष बेलसर में पटाखा बनाने की अवैध फैक्ट्री में हुए विस्फोट ने सरकारी तंत्र की सक्रियता पर सवालिया निशान लगा दिया था। सरकारी आंकड़ें के अनुसार जिले में आतिशबाजी बेचने के लिए स्थाई रूप से सिर्फ चार लाइसेंस जारी हैं।
इन लाइसेंसधारियों का प्रत्येक वर्ष औसतन कारोबार करीब दस लाख रुपये है, लेकिन शादी व मांगलिक कार्यक्रमों के साथ ही दीपावली में पटाखे का कारोबार करीब 25 करोड़ रुपये का है। इतना पटाखा कहां से आता है, कहां भंडार किया जाता है। इस बारे में जिम्मेदार अनभिज्ञ हैं।
यही नहीं, प्रदेश के दूसरे जिले में विस्फोट व उससे हो रही मौत से भी अधिकारी सबक लेने को तैयार नहीं हैं। यह हाल तब है जब गत वर्ष अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी में लाखों रुपये का पटाखा बरामद किया गया था बावजूद इसके इस वर्ष चेकिंग अभियान तक नहीं शुरू किया गया है।
देवीपाटन परिक्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक अमित पाठक ने कहा कि अवैध रूप से पटाखा के भंडारन, निर्माण व बिक्री करने पर पूरी तरह से रोक है। पुलिस अधीक्षकों को जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। |
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