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दो साल की लड़ाई, 67000 मौतों के बाद इजरायल-हमास के बीच शांति कितनी स्थायी?

LHC0088 6 hour(s) ago views 565

  

इजरायल का गाजा में कहर। (फाइल फोटो)



डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। सवाल: इजरायल-फलस्तीन में अब तक क्या हुआ? जवाब: सात अक्टूबर 2023 को हमास ने इजरायल पर हमला किया था, जिसमें 1200 इजरायली नागरिकों की मौत हो गई थी, जबकि 250 लोग बंधक बना लिए गए थे। इजरायल की प्रतिक्रिया में 67 हजार से ज्यादा फलस्तीनी नागरिक मारे गए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

फलस्तीन के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक मारे गए लोगों में आधे से ज्यादा महिलाएं और बच्चे थे। वहीं 1,70,000 लोग घायल हुए हैं। युद्ध शुरू होने के बाद से ये तीसरा संघर्ष विराम है। नवंबर 2023 में पहले संघर्ष विराम में 100 बंधक छोड़े गए थे, जिसमें ज्यादातर महिलाएं थीं। इजरायल की तरफ से भी कैदियों की रिहाई हुई थी। इस साल फरवरी में दूसरे संघर्ष विराम में 25 इजरायली बंधकों को हमास ने रिहा किया था। साथ ही आठ बंधकों के शव भी लौटाए थे। इजरायल ने 2000 फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया था। इसके बाद इजरायल ने खुद ही संघर्ष विराम तोड़ते हुए मार्च में ताजा हमले शुरू कर दिए थे।
सवाल: पहले के युद्धविरामों से ये शांति समझौता कितना अलग है?

जवाब: हालांकि, ये आंशिक शांति समझौता है, लेकिन इसमें खास बात ये है कि अंतिम समझौते पर पहुंचने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। इसलिए अगर वार्ता विफल होती है तो एक बार फिर संघर्ष शुरू होने की आशंका बनी रहेगी। पीएम बेंजामिन नेतन्याहू के धार्मिक राष्ट्रवादी समर्थक युद्ध विराम के खिलाफ हैं। वित्त मंत्री बेजालेल स्मोत्रिक तो फलस्तीनियों को कोई भी राहत देने के सख्त विरोधी हैं। वह हमास के पूरे सफाए की वकालत करते हैं। हालांकि, ट्रंप इस समझौते के पीछे मजबूती से खड़े हैं, जिससे इजरायल को आक्रामक होने या हमास को समझौते के पालन में विलंब करने का मौका नहीं मिलेगा। ट्रंप ने अपनी योजना का एलान करते समय नेतन्याहू को अपने बगल में मौजूद रखा था, जिससे हमास को भी सख्त संदेश मिला। फिर भी, हमास ने इस शांति समझौते पर आंशिक स्वीकृति दी। ट्रंप की सख्त चेतावनी से ये संकेत मिला कि इस समझौते के पीछे अमेरिका की गारंटी है।
सवाल: गाजा का आगे क्या होगा?

जवाब:शांति समझौते के तत्काल बाद गाजा पर इजरायली सैन्य कार्रवाई रोक दी जाएगी। 24 घंटे के अंदर इजरायली सेनाएं पीछे हटेंगी। समझौते के 72 घंटे के अंदर हमास अपने कब्जे से बंधकों को रिहा करेगा। इससे साफ हुआ कि बंधक सोमवार तक रिहा किए जा सकेंगे। फलस्तीनियों को मानवीय सहायता फिर से शुरू हो सकेगी। ट्रंप ने गाजा में एक अंतरराष्ट्रीय स्थिरता सेना तैनात करने की भी जरूरत बताई, जिस पर चर्चा करने के लिए यूरोपीय नेता और अरब देशों के शीर्ष अधिकारी पेरिस में जुटेंगे। यहां वे गाजा में आगे के शासन, मानवीय सहायता, पुनर्निर्माण और असैन्यीकरण पर भी चर्चा करेंगे। इसके लिए ट्रंप भी मध्य एशिया का दौरा कर सकते हैं।
सवाल: क्या है हमास और इजरायल की राजनीतिक गणित?

जवाब: ट्रंप के दबाव में इजरायल और हमास ने सकारात्मक रुख दर्शाया है, लेकिन दोनों पक्ष अपनी अपनी राजनीतिक गणनाओं में जुटे हुए हैं। समझौते के जरिये नेतन्याहू संयुक्त राष्ट्र का भरोसा और अपने नागरिकों का दिल जीत सकेंगे। साथ ही अपने धार्मिक राष्ट्रवादी गठबंधन सहयोगियों को अलग-थलग करने से बचने के लिए कम गुंजाइश छोड़ेंगे। उदाहरण के लिए ट्रंप के 20 सूत्रीय प्लान में सशर्त स्वतंत्र फलस्तीनी देश के गठन की भी बात कही गई है, जिसे नेतन्याहू नकार चुके हैं। इस पर अडिग रहने से नेतन्याहू को समर्थन मिलता रहेगा। हमास ने किसी भी आंशिक विरोध को इसलिए छोड़ दिया है क्योंकि बंधकों को सौंपे जाने के बाद युद्ध फिर से शुरू होने का खतरा है। बताया जा रहा है कि उसने विसैन्यीकरण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर भी किए हैं, जिसे वह बार-बार अस्वीकार करता रहा है। तुर्किये, अरब देशों और ट्रंप के दबाव में हमास ने ये हस्ताक्षर इसलिए किया क्योंकि वह ट्रंप की गारंटी पर भरोसा कर रहा है कि क्षेत्र में दोबारा युद्ध नहीं होने पाएगा।
इजरायल-हमास विवाद खत्म करने का 20 सूत्रीय ट्रंप प्लान क्या है?

तुरंत युद्ध रोकना- इजरायल और हमास के बीच सहमति बनी तो गाजा में युद्ध तुरंत खत्म होगा।

इजरायल पीछे हटेगा- सहमति से इजरायल अपनी सेनाओं को धीरे-धीरे गाजा से निकाल लेगा।

बंधकों को छोड़ना- हमास 72 घंटे में सभी इजरायली बंधकों को रिहा करेगा, जिनमें जिंदा और मृत दोनों होंगे।कैदियों की रिहाई- युद्ध खत्म होने पर इजरायल, गाजा अपनी-अपनी कैद से बंधकों को रिहा करेंगे।

शवों का आदान-प्रदान - हर मृत इजरायली कैदी के बदले 15 मृत फलस्तीनी कैदियों के शव लौटाए जाएंगे।गाजा को आतंक मुक्त बनाना- गाजा से हमास के सारे ठिकाने और हथियार हटाए जाएंगे।

हमास सरकार में शामिल नहीं होगा- हमास और अन्य लड़ाके गाजा की सरकार में हिस्सा नहीं लेंगे।अंतरिम प्रशासन समिति बनेगी- गाजा के लिए एक अस्थायी तकनीकी समिति बनाई जाएगी, जिसमें योग्य लोग होंगे।

शांति बोर्ड बनेगा- इस बोर्ड की अध्यक्षता अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप करेंगे, इसमें टोनी ब्लेयर और अन्य देशों के नेता शामिल होंगे।

पुनर्निर्माण योजना बनेगी- बोर्ड गाजा के विकास और सुधार की योजना बनाएगा और उसका खर्च उठाएगा।

मानव सहायता दी जाएगी - गाजा को तुरंत पर्याप्त मदद दी जाएगी।

विशेष व्यापार क्षेत्र बनेगा- गाजा में खास व्यापारिक क्षेत्र बनाए जाएंगे, जिससे रोजगार बढ़ेगा।

रहने की आजादी मिलेगी- किसी को गाजा छोड़ने के लिए मजबूर नहीं किया जाएगा।

सुरक्षा के लिए अलग सेना- एक अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा बल गाजा में सुरक्षा बनाए रखेगा।

पुलिस की ट्रेनिंग होगी- सुरक्षा बल गाजा पुलिस को ट्रेनिंग देंगे और मदद करेंगे।

सीमा सुरक्षा मजबूत होगी- इजरायल और मिस्त्र की सीमाओं पर सुरक्षा मजबूत होगी।

लड़ाई बंद होगी- युद्ध खत्म होने तक हवाई हमले और गोलाबारी रोकी जाएगी।

मानवाधिकार सुनिश्चित करेंगे- अंतरराष्ट्रीय संगठन गाजा में मदद और सुरक्षा की निगरानी करेंगे।

शांति बातचीत शुरू होगी- इजरायल और फलस्तीन के बीच शांति के लिए बातचीत शुरू होगी।

भविष्य की योजना बनेगी- इस योजना का मकसद गाजा में स्थायी शांति, विकास और बेहतर जीवन लाना है।

यह भी पढ़ें: ट्रंप के \“गाजा पीस प्लान\“ का भारत ने किया स्वागत, पीएम मोदी ने की इजरायली पीएम की जमकर तारीफ
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