बेतिया अंचल कार्यालय में 52.91 लाख रुपये की हेराफेरी, ऑडिट में हुआ पर्दाफाश
जागरण संवाददता, बेतिया। सदर अंचल कार्यालय में वित्तीय वर्ष 2020-21 में किए गए अंकेक्षण में 52.91लाख रुपये की हेराफेरी करने का मामला सामने आया है। इसका पर्दाफाश अंकेक्षण रिपोर्ट के आने के बाद हुआ है। इसे लेकर तत्कालीन सीओ रघुवीर प्रसाद, श्यामाकांत प्रसाद व नाजीर मंजीत आंनद कार्रवाई के जद में आ गए हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मामले में वित्त विभाग के अंकेक्षण निदेशालय के उपनिदेशक मनोज कुमार ने आवश्यक कार्रवाई को बेतिया सीओ को रिपोर्ट भेजा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2020-2021 की अवधि का अंचल कार्यालय बेतिया का अंकेक्षण कराया गया, जिसमें शीर्ष 2245 (सहाय्य) में कुल 52 लाख 91 हजार 807 का व्यय विभिन्न में मदों में दिखाया गया है, लेकिन व्यय से संबंधित व्यय प्रमाणक के रूप में संबंधित अभिश्रव ऑडिट में सहयोग कर रहे सीओ राघवेंद्र राघवन व नाजीर हिफजुर रहमान ने अंकेक्षण दल के समक्ष प्रस्तुत नहीं किए जाने की बात बताई है।
इस संबंध में अंकेक्षण दल द्वारा आपत्ति भी जताई गई। संबंधित अभिश्रव व अन्य अभिलेख प्रस्तुत करने को कहा गया इसके बावजूद निर्गत आपत्ति का कोई जवाब नहीं दिया गया। साथ ही संबंधित अभिश्रव व अन्य अभिलेख अंकेक्षण दल के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया।
ऐसे में अंकेक्षकों ने सवाल उठाते हुए कहा कि इतनी बड़ी राशि का इतने लंबे समय बीत जाने के पश्चात भी व्यय से संबंधित अभिश्रव व अन्य अभिलेख कार्यालय के पास नहीं होना अथवा अंकेक्षण के दौरान अंकेक्षण दल को अभिश्रव उपलब्ध नहीं कराने को घोर लापरवाही बताया है।muzaffarpur-general,Muzaffarpur News,Solar Didi Devki,Self Help Group Muzaffarpur,Jeevika Bihar,Solar Pump Irrigation,Rural Entrepreneurship Bihar,Prime Minister Modi,Bihar news
रोकड़ में दिखाया खर्च, पर प्रस्तुत नहीं किया साक्ष्य
ऑडिट के दौरान यह भी बात सामने आई वित्तीय वर्ष 2020-21 में सदर अंचल कार्यालय व्यय के नाम पर रोकड़पुस्त में 1 लाख 43 हजार 834 रुपया व्यय दिखाया गयार, लेकिन व्यय से संबंधित व्यय प्रमाणक के रूप में संबंधित अभिश्रव, भंडार पंजी व अन्य अभिलेख अंकेक्षण दल के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया।
इतना ही नहीं वित्तीय वर्ष 2020-21 में प्रस्तुत किए गए रोकड पुस्त कुल में 1 लाख 25 हजार 200 का व्यय दिखया गया है, लेकिन व्यय का प्रायोजन स्पष्ट नहीं किया गया व न ही उसका साक्ष्य अंकेक्षण दल के सामने प्रस्तुत किया गया। ऐसे में अंकेक्षण दल ने व्यय को संदिग्ध बताया है।इसकी जांच कराने की बात कही गई है। साथ ही कार्रवाई से संबंधित रिपोर्ट अंकेक्षण निदेशालय को भेजने को कहा गया है।
1.96 लाख राशि की होगी वसूली
ऑडिट के दौरान यह बात सामने आई है कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में सैरात पिपड़ा पकड़ी बाजार की 1 लाख 81 हजार 500 में बंदोबस्ती की गई थी, लेकिन बंदोबस्ती की राशि, 6 प्रतिशत स्टांप शुल्क, 2 प्रतिशत निबंधन शुल्क की राशि के जमा करने में संबंधित साक्ष्य व रोकड़पुस्त में नहीं पाई गई है।
इसको लेकर अंकेक्षण दल ने 1 लाख 96 हजार 020 की वसूली संबंधित सीओ व कर्मी से करने की बात कही है। उधर सदर सीओ राघवेंद्र राघवन से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं होने के कारण उनकी प्रतिक्रिया नहीं ली जा सकी। |