महागठबंधन की सरकार बनती है, तो हर परिवार को नौकरी
राधा कृष्ण,पटना। बिहार के राजनीतिक परिदृश्य में रोजगार एक बड़ा मुद्दा रहा है, और विपक्षी नेता तेजस्वी यादव ने हर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा करके सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। बिहार में कुल परिवारों की संख्या लगभग 2.97 करोड़ है, जैसा कि जातिगत जनगणना रिपोर्ट में सामने आया है और अब यह आंकड़ा और भी बढ़ गया होगा। तो तेजस्वी यादव ने कह तो दिया कि हर परिवार को देंगे नौकरी, पर क्या ये संभव है क्योंकि अगर वो 2023 के जाति गणना पर ही भरोसा करें तो उन्हें 2.97 करोड़ नौकरी देना पड़ेगा। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
रोजगार की चुनौती
बिहार की आर्थिक स्थिति को देखें तो यहां लगभग 94 लाख परिवार ऐसे हैं, जिनकी मासिक आय 6,000 रुपये या उससे कम है, यानी प्रतिदिन 200 रुपये से भी कम। बिहार की कुल जनसंख्या लगभग 13.07 करोड़ है, जो भारत का तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है। रोजगार की चुनौती यहां इतनी बड़ी है कि हर साल लाखों लोग रोजगार की तलाश में दूसरे राज्यों में पलायन करते हैं।
बता दें कि बिहार में अभी लगभग 48 लाख सरकारी कर्मचारी और 68 लाख पेंशनभोगी हैं। ये आंकड़े राज्य सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की संख्या को दर्शाते हैं जो राज्य की सेवा में हैं या सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यानि अगर तेजस्वी यादव अगर परिवार में एख सदस्यों को नौकड़ी देते है तो बिहार में 3.45 करोड़ लोग सरकारी नौकरी वाले हो जाएंगे।
चुनावी जुमला या और कुछ...
तेजस्वी यादव ने घोषणा की है कि अगर उनकी सरकार बनती है, तो हर परिवार के एक सदस्य को रोजगार दिया जाएगा। इस वादे के कई पहलू हैं। अगर 2.97 करोड़ परिवारों में से हर एक परिवार के एक सदस्य को नौकरी मिले, तो यह लगभग 2.97 करोड़ लोगों को सीधे रोजगार देगा। नीतीश कुमार की सरकार पहले ही जीविका जैसी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को रोजगार से जोड़ने की कोशिश कर रही है, जहां 1.5 करोड़ महिलाएं जुड़ी हैं।
तेजस्वी यादव के वादे की मुख्य बातें
1. हर परिवार के एक सदस्य को नौकरी: तेजस्वी यादव ने घोषणा की है कि अगर महागठबंधन की सरकार बनती है, तो हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी।
2. 20 दिनों में कानून: उन्होंने कहा है कि सरकार बनने के 20 दिनों के अंदर इस संबंध में एक अधिनियम (कानून) लाया जाएगा।
3. 20 महीनों में लक्ष्य पूरा: तेजस्वी का दावा है कि इस वादे को 20 महीनों के अंदर पूरा कर लिया जाएगा।
4. नौकरी नवजागरण मिशन: तेजस्वी ने इसे “नौकरी नवजागरण“ का नाम दिया है, जिसका उद्देश्य बिहार में बेरोजगारी को खत्म करना है।
5. नीतीश सरकार पर हमला: तेजस्वी ने मौजूदा NDA सरकार पर निशाना साधते हुए कहा है कि उन्होंने बिहार को असुरक्षा और बेरोजगारी दी है।
कहा से आएगा संसाधन
इतनी बड़ी संख्या में नौकरियां देने के लिए बिहार सरकार को बड़े पैमाने पर संसाधनों की जरूरत होगी, जिसमें वित्तीय प्रबंधन और बुनियादी ढांचे का विकास शामिल है। बिहार में सरकारी नौकरियों की संख्या सीमित है, ऐसे में यह वादा पूरा करने के लिए निजी क्षेत्र और कौशल विकास पर भी जोर देना पड़ सकता है।
बेरोजगारों को आकर्षित करने की कोशिश
राजनीतिक रूप से देखें तो NDA सरकार ने भी कई कल्याणकारी योजनाएं चलाई हैं, जैसे 125 यूनिट मुफ्त बिजली और जीविका के माध्यम से महिला सशक्तिकरण। तेजस्वी यादव का यह वादा युवाओं और बेरोजगारों को आकर्षित करने की कोशिश है, जो बिहार की राजनीति में एक बड़ा वोट बैंक हैं।
युवाओं और बेरोजगारों के लिए एक बड़ा आश्वासन
बिहार की आर्थिक स्थिति और जनसंख्या के दबाव को देखते हुए यह एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका असर आगामी चुनावों में दिख सकता है। तेजस्वी यादव का हर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का वादा बिहार के युवाओं और बेरोजगारों के लिए एक बड़ा आश्वासन है, लेकिन इसे पूरा करने के लिए सरकार को वित्तीय संसाधन, बुनियादी ढांचा और रोजगार के अवसर पैदा करने की चुनौतियों का सामना करना होगा। |
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