वैज्ञानिकों ने कर दिया कमाल: नई तकनीक से OTP हैक करना हो जाएगा मुश्किल; जानें कैसे
टेक्नोलॉजी डेस्क, नई दिल्ली। जल्द ही साइबर अपराधियों के लिए OTP हैक करना आसान नहीं रहेगा। भारतीय वैज्ञानिक संस्थान यानी IISc और हैदराबाद स्थित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी DRDO के वैज्ञानिकों ने मिलकर एक नई टेक्नोलॉजी तैयार की है, जो ओटीपी चोरी और साइबर ठगी को रोकने में काफी ज्यादा मदद करेगी। जी हां, वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तकनीक का इस्तेमाल शुरू हो जाने के बाद साइबर अपराध के मामलों में 2 से 3 गुना तक कमी देखने को मिल सकती है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
खास बात यह है कि इस नई तकनीक को लेबोरेटरी लेवल पर सक्सेस्स्फुल्ली टेस्ट किया जा चुका है और आने वाले समय में इसे बैंकों और मोबाइल नेटवर्क कंपनियों के सिस्टम में इंटीग्रेटेड किया जा सकता है। चलिए इस नई तकनीक के बारे में विस्तार से जानते हैं...
पहले समझिए क्या है ये नई तकनीक?
दरअसल यह सिस्टम मौजूदा OTP ट्रांसमिशन में एक सिक्योरिटी की एक्स्ट्रा लेयर ऐड कर रहा है। नई तकनीक के जरिए ओटीपी को न सिर्फ एन्क्रिप्ट किया जाएगा, बल्कि इसे केवल रजिस्टर्ड डिवाइस पर ही ओपन किया जा सकेगा। इससे हैकर्स के लिए किसी भी तरह से OTP को इंटरसेप्ट करना लगभग असंभव हो जाएगा।
OTP कैसे हो जाते हैं हैक?
अब काफी लोगों के मन में यह सवाल भी आ रहा होगा कि आखिर OTP कैसे हैक हो जाते हैं, तो आपको बता दें कि साइबर एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कई बार यूजर्स फिशिंग लिंक या नकली ऐप के जरिए अपने डिवाइस में मैलवेयर डाउनलोड कर लेते हैं।
इसी मैलवेयर से हैकर्स आपके ओटीपी पढ़कर इस्तेमाल कर लेते हैं। कई बार यूजर्स अनजाने में खुद ही OTP शेयर कर देते हैं, जिससे फ्रॉड हो जाता है। हालांकि जल्द ही इस नई तकनीक के शुरू होने के बाद न सिर्फ बैंकिंग और पेमेंट फ्रॉड कम हो जाएंगे, बल्कि ई-कॉमर्स और मोबाइल ट्रांजैक्शन भी और सेफ हो जाएगी।
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