WHO ने भारतीय अधिकारियों से पूछा कि क्या ये कफ सीरप भारत के बाहर भी निर्यात की गई थी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में जहरीले कफ सीरप के सेवन से 22 नौनिहालों की जान चली गई थी। इस मामले ने पूरे देश को हिला दिया है। इस बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत के अधिकारियों से जानना चाहा है कि क्या ये दवाईयां देश के बाहर भी गई थीं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
दरअसल, समाचार एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से इस बात की जानकारी दी है। बताया जा रहा है कि विश्व स्वास्थ्य एजेंसी, अधिकारियों से आधिकारिक पुष्टि मिलने के बाद, कफ सीरप, कोल्ड्रिफ, पर \“वैश्विक चिकित्सा उत्पाद अलर्ट\“ जारी करने पर फैसला करेगी।
कोड्रिफ कफ सीरप से गई 20 बच्चों की जान
बता दें कि कोल्ड्रिफ कफ सीरप के सेवन से मध्य प्रदेश में पांच बच्चों की हालत गंभीर है। वहीं, डायथिलीनग्लाइकॉल (डीईजी) और एथिलीनग्लाइकॉल (ईजी) युक्त दूषित कफ सीरप के सेवन के बाद 20 बच्चों की मौत हो गई है। आशंका जताई जा रही है कि इस सीरप के सेवन से बच्चों की किडनी में संक्रमण हुआ, जिससे उनकी मौत हो गई। वहीं, राजस्थान के विभिन्न जिलों में भी कफ सीरप के सेवन से कम से कम 3 बच्चों की मौत हुई है।
WHO ने अधिकारियों से मांगा स्पष्टीकरण
सूत्रों का दावा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बुधवार को सीरप से जुड़े मामले में भारत के अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा है कि क्या देश में बच्चों की मौत से जुड़ा कफ सिरप नियमित प्रक्रिया के तहत दूसरे देशों को निर्यात किया गया था।
वहीं, एमपी में कथित तौर पर इस कफ सीरप के सेवन से बच्चों की मौत के मद्देनजर भारतीय औषधि महानियंत्रक ने बुधवार को देश के सभी राज्यों के औषधि नियंत्रकों से आग्रह किया था कि वे दवा उत्पादों को बाजार में जारी करने से पहले उनके कच्चे माल और तैयार फॉर्मूलेशन का परीक्षण सुनिश्चित करें।
डीसीजीआई ने एक एडवाइजरी में कहा कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में हाल ही में बच्चों की मौत की खबरें आई हैं, जो कथित तौर पर दूषित कफ सीरप से जुड़ी हैं और इन कफ सीरप की गुणवत्ता को लेकर चिंताएं हैं।
केंद्र ने पहले जारी की थी ये एडवाइजरी
गौरतलब है कि केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने 2023 में दवा कंपनियों को लेबल और पैकेजइंसर्ट पर यह चेतावनी देने का आदेश दिया था कि क्लोरफेनिरामाइनमैलिएटआईपी 2 मिलीग्राम और फिनाइलेफ्राइन एचसीएल आईपी 5 मिलीग्रामड्रॉप/एमएल का फिक्स्ड-डोजकॉम्बिनेशन (एफडीसी) चार साल से कम उम्र के बच्चों में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)
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