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यूपी का एक ऐसा इकलौता गांव जहां नशा बेचना है अपराध, दुकानदारों से वजह पूछी तो मिला ये रिएक्शन

deltin33 2025-10-9 13:06:09 views 953

  प्रदेश का एक ऐसा इकलौता गांव, जहां नशा बेचना है अपराध





सर्वेंद्र पुंडीर, मेरठ। मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर नंगली किठौर गांव में सोमवार को दैनिक जागरण टीम पहुंची तो एक चौराहे पर लियाकत अली की परचून की दुकान दिखी। दुकानदार से गुटखा मांगा। उसने पहले तो सिर हिलाते हुए मना किया। दोबारा मांगा तो उसने कहा कि इस गांव की किसी भी दुकान पर गुटखा, बीड़ी, सिगरेट, पान मसाला नहीं मिलेंगे। थोड़ा आगे बढ़े तो सुरेश चंद दुकानदार का भी यहीं जवाब था। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

आठ दुकानों पर घूमे, लेकिन तंबाकू युक्त उत्पाद नहीं मिला। प्रधान ब्रजबाला के बेटे विनय ने बताया कि उनकी मां ने इस गांव को नशामुक्त कर दिया है। डीएम, सीडीओ, सीएमओ भी इस बाबत प्रमाण पत्र दे चुके हैं, जिसे प्रधान के बेटे विनय को सांसद अरुण गोविल, ऊर्जा मंत्री सोमेंद्र तोमर, विधायक अमित अग्रवाल आदि जनप्रतिनिधियों ने एक मंच पर दिया था।





छह हजार की आबादी और तीन हजार वोट वाले इस गांव में वर्ष 2021 में ब्रजबाला प्रधान बनी। ब्रजबाला ने सबसे पहले गांव को नशामुक्त करने की ठानी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के आयुष्मान आरोग्य मंदिर, आशा वर्कर, ग्राम पंचायत सदस्य की टीम गठित की।

इन सभी ने लोगों को घर-घर जाकर जागरूक किया। सीडीओ, सीएमओ, डीपीआरओ ने पंचायत कर प्रधान को तंबाकू युक्त उत्पाद बेचने पर जुर्माना लगाने का अधिकार दिया। अब कोई भी दुकानदार चोरी छिपे तंबाकू युक्त सामान बेचता है तो उससे 200 से 500 रुपये तक जुर्माना वसूला जाता है।




39 हजार जुर्माना साढ़े तीन साल में वसूला



ग्राम सचिव अभिषेक श्रीवास्तव ने बताया कि साढ़े तीन साल में 39 हजार रुपये जुर्माना वसूला गया है। पैसे को ग्राम पंचायत के खाते में जमा किया, जिसका ग्राम विकास में प्रयोग होगा।


आगामी चुनाव में दावत नहीं करने का निर्णय



प्रधान के बेटे विनय कुमार ने बताया कि आगामी दिनों में प्रधानी के चुनाव होंगे। ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि इस बार चुनाव में कोई भी ग्रामीण किसी प्रत्याशी की दावत नहीं लेगा। किसी की शराब नहीं पीएगा।




यह बोले ग्रामीण



मैं खुद बीड़ी पीता था। तीन साल पहले बीड़ी छोड़ी थी। बीड़ी छोड़ने के बाद मेरी जो सांस फूलती थी, अब वह नहीं फूलती है। -जयपाल सिंह, ग्रामीण




साढ़े तीन साल पहले गांव के 35 प्रतिशत युवा तंबाकू खाते थे। कोई चोरी छिपे खाता होगा तो पता नहीं। गांव में कोई दिखता नहीं। -भगवान सिंह, ग्रामीण




यह बोले गांव के दुकानदार



शुरुआत में जब नशा संबंधी उत्पाद पर प्रतिबंध लगाया तो नुकसान हुआ। जब जुर्माना दिया तो अब बेचना ही छोड़ दिया। -लियाकत अली, दुकानदार




मैंने 4500 रुपये जुर्माना दिया। स्वास्थ्य विभाग की टीम तो कभी ग्राम सचिव प्रधान के साथ आकर जुर्माना लगाते थे। अब नहीं बेचता। -राकेश उर्फ पिंटू, दुकानदार





नंगली किठौर गांव हमारा नशामुक्त घोषित है। यह प्रदेश का पहला गांव है। स्वास्थ्य विभाग की टीम भी यहां समय समय पर पहुंचकर दुकानदारों की चेकिंग करती है। यह सब प्रधान के सहयोग से हो पाया। -डा. अशोक कटारिया, सीएमओ




नंगली किठौर गांव में हम कई बार पंचायत करके ग्रामीणों को जागरूक कर चुके। अब यहां प्रधान के सहयोग से नशा बेचने पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा है। -नूपुर गोयल, मुख्य विकास अधिकारी





हमारे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर नंगली किठौर के मरीज तो रोजाना 10 से 15 आते हैं। तंबाकू संबंधित बीमारी के पिछले एक साल से तो नहीं आ रहे। पहले आते होंगे तो उसका पता नहीं। -डा. तरुण राजपूत, सीएचसी किठौर प्रभारी
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