चुनाव आयोग पर दबाव में काम करने का आरोप, एसटी हसन बोले- निष्पक्षता खतरे में
- एसटी हसन की चेतावनी- अगर चुनाव निष्पक्ष न हुआ तो लोकतंत्र की होगी बेइज्जती
- ई-वोटिंग की मांग और चरणबद्ध चुनाव पर आपत्ति, सपा नेता ने जताई नाराजगी
- अखंड भारत पर मोहन भागवत के बयान का समर्थन, एसटी हसन बोले- औरंगजेब की तरह बनाएं
मुरादाबाद। समाजवादी पार्टी के पूर्व सांसद डॉ. एसटी हसन ने बिहार विधानसभा चुनाव की अधिसूचना जारी होने पर तीखा हमला किया। उन्होंने चुनाव आयोग पर प्रशासनिक दबाव का आरोप लगाते हुए निष्पक्षता पर सवाल उठाए।
सपा नेता एसटी हसन ने कहा, "विपक्ष एक चरण में चुनाव चाहता था; जब अन्य प्रदेशों में यह संभव होता है, तो बिहार में क्यों नहीं?"
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि चुनाव निष्पक्ष न हुआ तो लोकतंत्र पर सवालिया निशान लगेगा और दुनिया में भारत की बेइज्जती होगी।
उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग को दबाव में न आकर निष्पक्ष चुनाव कराना चाहिए। हमें उम्मीद नहीं कि वे ईमानदारी से करेंगे। यदि नियत साफ होती तो वोट काटे या बढ़ाए नहीं जाते। ई-वोटिंग शुरू हो, वोटर घर बैठे वोट डालें।"
दरअसल, चुनाव आयोग ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बिहार के चुनाव की तारीखों की घोषणा की। आयोग के अनुसार बिहार की 243 सीटों पर दो चरणों में मतदान कराए जाएंगे। पहले चरण के लिए मतदान 6 नवंबर को 121 सीटों पर होगा, वहीं दूसरे चरण में 122 सीटों पर 11 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे।
एसटी हसन ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के अखंड भारत वाले बयान का समर्थन किया, लेकिन कहा कि इसे औरंगजेब की तरह बनाएं, जिसने विशाल साम्राज्य स्थापित कर अखंड भारत को मजबूत किया।
बता दें कि मोहन भागवत ने हाल ही में मध्य प्रदेश के सतना में कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) भारत के घर का एक कमरा है, जिसे वापस लेना होगा। उन्होंने अखंड भारत को सांस्कृतिक एकता का प्रतीक बताया। डॉ. हसन ने इसका समर्थन तो किया, लेकिन कहा कि इसे औरंगजेब की तरह बनाएं, जिन्होंने विशाल साम्राज्य स्थापित कर अखंड भारत को मजबूत किया।

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