एसएमएस ट्रॉमा सेंटर हादसा, सरकार ने की आर्थिक सहायता की घोषणा
- न्यूरो आईसीयू में आग से 8 मरीजों की मौत, जांच के लिए समिति गठित
- जयपुर अस्पताल में भीषण आग, मुख्यमंत्री ने कहा- शोकाकुल परिवारों के साथ खड़ी है सरकार
जयपुर। राजस्थान सरकार ने सोमवार को जयपुर के सवाई मान सिंह (एसएमएस) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में न्यूरो आईसीयू वार्ड के स्टोर रूम में लगी भीषण आग में जान गंवाने वाले आठ मृतकों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपए मुआवजा देने का ऐलान किया है।
सभी मृतकों में मरीज शामिल हैं। प्रारंभिक जांच से आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगने की बात सामने आई है।
आग न्यूरो आईसीयू से सटे स्टोररूम में लग गई थी, जहां पर दस्तावेज, आईसीयू उपकरण और ब्लड सैंपलिंग ट्यूब रखे गए थे। हादसे के समय आईसीयू में 11 मरीजों का इलाज चल रहा था, जबकि 13 मरीज पास के ही एक वार्ड में थे।
अस्पताल के नोडल अधिकारी और वरिष्ठ डॉक्टरों के अनुसार, बचाव कार्य तुरंत शुरू किए गए, लेकिन आठ मरीजों को बचाया नहीं जा सका। मृतकों के शव पोस्टमार्टम के बाद उनके परिजनों को सौंप दिए गए।
घटना के बाद, पीड़ितों के परिवारों ने 50 लाख रुपए के मुआवजे और प्रत्येक शोक संतप्त परिवार के लिए एक सरकारी नौकरी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया।
गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेधम, उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, पुलिस आयुक्त बीजू जॉर्ज जोसेफ और जिला कलेक्टर जितेंद्र सोनी सहित वरिष्ठ अधिकारियों और परिजनों के बीच सात घंटे तक बातचीत चली। इसके बाद मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने बाद में प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने कहा, "राज्य सरकार शोकाकुल परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है।" घटना के कारणों और जवाबदेही के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जो जल्द ही जांच कर सरकार को रिपोर्ट भेजेगी।
हादसे के बाद फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी की टीम ने घटनास्थल से साक्ष्य एकत्रित किया। स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने घटना के बाद ट्रॉमा सेंटर का दौरा किया और इलाके का निरीक्षण किया तथा निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया।

Deshbandhu
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