एसीपी का बेटा फंसा तो पुलिस ने नहीं बताए आरोपितों के नाम।
जागरण संवाददाता, फरीदाबाद। प्राॅपर्टी डीलर हत्या मामले में स्वजन के हंगामे के बाद पुलिस ने एसीपी राजेश लोहान के बेटे सहित चार आरोपियों को आनन फानन में हिरासत में ताे ले लिया लेकिन शिनाख्त परेड का बहाना बनाकर पूरे दिन आरोपियों के नाम नहीं बताए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अब इस कार्रवाई पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। पुलिस ने आरोपियों को हिरासत में लिया तो नाम उजागर करने में क्या परेशानी आई। जबकि अन्य मामलों में पुलिस हिरासत में लेने के तुरंत बाद आरोपियों के नाम बता देती है।
पुलिस की ओर से यह भी नहीं बताया गया कि थार को कौन चला रहा था। ऐसे में पुलिस की कार्यशैली को लेकर कानून के जानकार सवाल खड़ा कर रहे हैं कि कहीं न कहीं आरोपितों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।
एसीपी का बेटा शामिल होने के कारण पुलिस मामले को स्पेशल ट्रीटमेंट दे रही है। सोमवार देर रात एसीपी राजेश ने मामले को लेकर कहा था कि थार उनका ड्राइवर ले गया था। जबकि मंगलवार सुबह डीसीपी ऊषा ने जानकारी दी कि उन्होंने मामले में एसीपी के बेटे को भी हिरासत में लिया है।
मंगलवार को मृतक मनोज की बहन पूनम जैन को पुलिस ने जब्त की गई थार गाड़ी को भी दिखाया। इसके साथ पूनम को एसीपी के बेटे को भी दिखाया गया। बुधवार को पुलिस की ओर से सभी आरोपियों की शिनाख्त कराने के लिए कहा गया है।
बता दे कि पुलिस ने पहले एफआईआर में गैर इरादतन हत्या की धारा लगाई थी। लेकिन स्वजन के हंगामे के बाद हत्या की धारा जोड़ी गई।
नंगला एन्क्लेव भाग दो की गली नंबर नाै में रहने वाले विक्की कुमार के भाई मनोज कुमार प्राॅपर्टी डीलर थे। वह अपने दोस्त अनिल राणा, प्रवेश, राहुल, अमन, शिवम और नवदीप के साथ रविवार को वृंदावन गए थे।
देर रात करीब एक बजे सभी सेक्टर-नौ स्थित प्रवेश के ऑफिस पहुंचे। जहां से मनदीप और अमन सेक्टर-12 स्थित धर्मा ढाबा खाना लेने चले गए। वहां सेक्टर-12 कट के पास एक युवक थार को बेतरतीब तरीके से चला रहा था।
उसने मनदीप को टक्कर मार दी। इस थार में बैठे चार युवकाें की उसके साथ कहासुनी हो गई। विवाद बढ़ता देख मनदीप और अमन बाइक लेकर दाेस्त प्रवेश के ऑफिस की ओर चल दिए। इधर, पीछे से थार फिर आई और उसने बाइक को टक्कर मारने की कोशिश की और भाग गए।
इधर, खाना लाने में देरी होने की वजह से मनोज अपने अन्य दोस्तों के साथ सेक्टर-12 धर्मा ढाबा के पास पहुंचे तो वहां मनदीप ने मनोज को थार चालक की हरकत के बारे में बताया।Pooja Banerjee fraud case,Shyam Sundar Dey arrest,Bengali film producer fraud,financial fraud case,cyber crime investigation,fraud case,fraud,online fraud,Bollywood actress
इसके बाद मनोज अपने साथियों के साथ थार सवार को खोजते हुए टाउन पार्क के सामने ओजोन पार्क के पास पहुंच गया। वहां थार चालक स्टंट कर रहा है।
मनोज ने थार को रोकने का प्रयास किया तो चालक ने उसे कुचल दिया। पास में खड़े दोस्तों ने मनोज को सेक्टर-16 स्थित मेट्रो अस्पताल में भर्ती कराया। जहां डाॅक्टरों ने उसको मृत घोषित कर दिया।
अदालत में हड़ताल का दिया हवाला
मंगलवार को कोर्ट में वकीलों की हड़ताल रही। बुधवार को भी हड़ताल जारी रहेगी। ऐसे में पुलिस ने मंगलवार को शिनाख्त परेड न होने को लेकर काेर्ट की हड़ताल को बहाना बनाया।\B \B
यहां बात एसीपी के बेटे पर आ गई है, इसलिए लगता है पुलिस जानबूझकर लापरवाही बरत रही है। वरना दिनभर आरोपियों को हिरासत में रखा और नाम उजागर न करना, समझ से परे है। इसमें कोई कानूनी अड़चन नहीं है। यदि शिनाख्त परेड़ करानी है तो मंगलवार को भी करा सकते थे। आरोपित किसी का भी बेटा हो, लेकिन पुलिस को पारदर्शिता से काम करना चाहिए। पुलिस का यह रवैया ठीक नहीं है। जिनका बेटा गया है, उस परिवार को न्याय मिलना चाहिए।
- एडवोकेट ओपी शर्मा, पूर्व वाइस चेयरमैन, बार काउंसिल
मामले में चार आराेपियों को हिरासत में लिया गया है। जिसमें एसीपी का बेटा भी शामिल है। मामले को लेकर एसीपी सेंट्रल राजीव कुमार ने नेतृत्व में एसआईटी गठित की है। आरोपितों से पूछताछ की जाएगी। उनको कोर्ट में पेश करके शिनाख्त परेड करवाई जाएगी। जिसके बाद पुलिस आरोपितों के नाम बताएगी।
- उषा, डीसीपी सेंट्रल
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