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Tata ग्रुप में मचे घमासान के बीच, टाटा ट्रस्ट और टाटा संस ने कर्ज में गले तक डूबी इस कंपनी को दी राहत की सांस

LHC0088 2025-10-8 03:36:30 views 1190

  टाटा संस में हिस्सेदारी बेचने को तैयार एसपी ग्रुप, हो सकता है बड़ा समझौता!





नई दिल्ली। टाटा ग्रुप (Tata Group) इस समय दो खेमों में बंटा हुआ नजर आ रहा है। इस घमासान के बीच एक बड़ी खबर निकलकर सामने आई है। खबर है कि टाटा संस में एसपी ग्रुप की जो हिस्सेदारी है उसे बेचने पर सहमति बन रही है है। टाटा और एसपी समूह के बीच समझौता होने की संभावना है। सूत्रों का कहना है कि टाटा ट्रस्ट्स और टाटा संस, एसपी समूह को टाटा संस में 4-6 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए तैयार हैं। अगर यह कदम उठाया जाता है, तो एसपी समूह को जरूरी नकदी उपलब्ध होगी, जिस पर लगभग 30,000 करोड़ रुपये का शुद्ध कर्ज है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें


दो हिस्सों में बंट चुका है टाटा ग्रुप

यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब टाटा संस में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले टाटा ट्रस्ट्स, ट्रस्टियों के दो वर्गों के बीच मतभेदों से जूझ रहे हैं, जिसके कारण नई रिपोर्टों के अनुसार, सरकार के हस्तक्षेप की संभावना है। आने वाले दिनों में दिल्ली में कुछ सरकारी अधिकारी टाटा समूह के सदस्यों से मुलाकात कर सकते हैं।


टाटा संस की लिस्टिंग की हो सकती है चर्चा

इस बैठक में टाटा ट्रस्ट्स के भीतर मतभेदों के साथ-साथ टाटा संस की संभावित लिस्टिंग पर भी चर्चा हो सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि टाटा ट्रस्ट्स के अध्यक्ष नोएल टाटा, टाटा संस के अध्यक्ष एन चंद्रशेखर, टीवीएस मोटर कंपनी के मानद अध्यक्ष और टाटा संस के बोर्ड सदस्य वेणु श्रीनिवासन, और वकील एवं कई टाटा ट्रस्टों के ट्रस्टी डेरियस खंबाटा इस संबंध में सरकारी अधिकारियों से मुलाकात कर सकते हैं।



हालांकि अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है, लेकिन अगर लिस्टिंग नहीं होती है, तो नकदी उपलब्ध कराने के लिए एक संभावित व्यवस्था यह होगी कि टाटा संस अपने शेयरों को वापस खरीद ले। अगर बायबैक का रास्ता अपनाया जाता है, तो इस प्रक्रिया को पूरा होने में एक साल तक का समय लग सकता है।

सूत्रों के अनुसार, एसपी समूह द्वारा लिए गए लोन की मात्रा और प्रकृति को देखते हुए, सरकार इसमें शामिल हो सकती है। मामले से अवगत एक व्यक्ति ने बताया, “वित्तपोषण का एक उचित हिस्सा निजी लोन निधियों के माध्यम से दिया गया है, और सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए उत्सुक है कि इन लोनों पर कोई चूक न हो। सरकार किसी भी लोन विफलता की स्थिति नहीं चाहती, वह भी एसपी समूह जैसे प्रतिष्ठित व्यावसायिक घराने से।“



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