गया जंक्शन पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए शुरू हुई ड्रोन से निगरानी।  
 
  
 
जागरण संवाददाता, गयाजी। गया जंक्शन और उसके आसपास के रेल सेक्टरों में सुरक्षा को और बेहतर बनाने के लिए आरपीएफ ने ड्रोन कैमरों की मदद से निगरानी शुरू कर दी है। अब ट्रैक, प्लेटफार्म, यार्ड और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में आसमान से नजर रखी जा रही है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें  
 
यह तकनीक न केवल सुरक्षा बलों की कार्यक्षमता को बढ़ा रही है, बल्कि अपराध पर भी सीधा असर डाल रही है। आरपीएफ इंस्पेक्टर बनारसी यादव के नेतृत्व में यह अभियान चलाया जा रहा है।  
 
उनकी टीम में उपनिरीक्षक जावेद इकबाल शामिल हैं, जो सेक्टर-7, सेक्टर-8, पंचायती अखाड़ा और फल्गु ब्रिज जैसे संवेदनशील इलाकों में गहन निगरानी कर रहे हैं।  
 
गया जंक्शन पर आरपीएफ की यह तकनीकी पहल यात्रियों की सुरक्षा के साथ-साथ संसाधनों के बेहतर प्रबंधन का बेहतरीन उदाहरण बन रही है।  
 
ड्रोन कैमरों की मदद से रेलवे परिसर में अपराध नियंत्रण को जो नई दिशा मिली है, वह देश के अन्य प्रमुख स्टेशनों के लिए भी एक माडल बन सकती है।  
लाइव फुटेज से रियल टाइम एक्शन  
 
ड्रोन से मिलने वाली लाइव फुटेज सीधे आरपीएफ के कंट्रोल रूम तक पहुंच रही है। इससे संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत पहचान हो रही है और त्वरित कार्रवाई संभव हो रही है।  
 
पहले जहां कई जवानों की तैनाती जरूरी होती थी, अब कम संसाधनों में ही अधिक प्रभावी सुरक्षा व्यवस्था लागू की जा रही है। आरपीएफ अधिकारियों के मुताबिक, ड्रोन की मौजूदगी से असामाजिक तत्वों में डर का माहौल है। चोरी, टिकट ब्लैकिंग और अवैध वेंडिंग जैसी घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है।  
त्योहारों में भीड़ प्रबंधन में सहायक  
 
गया जंक्शन पर पितृपक्ष मेला, दुर्गापूजा और रावण वध जैसे आयोजनों के दौरान भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा व्यवस्था में यह तकनीक कारगर साबित हुई है।  
 
अब दिवाली और छठ जैसे बड़े त्योहारों को लेकर विशेष तैयारियां की जा रही हैं। देश के विभिन्न महानगरों से आने वाले प्रवासी यात्रियों की सुरक्षा आरपीएफ की प्राथमिकता में शामिल है।  
 
दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद और कोलकाता जैसे शहरों से आने वाले हजारों लोग गया जंक्शन पर पहुंचते हैं। ऐसे में उनके साथ लाए गए सामान की सुरक्षा के लिए ड्रोन कैमरे से नजर रखी जा रही है।  
अपराध रोकथाम से लेकर सबूत तक काम आ रहा ड्रोन  
 
ड्रोन कैमरे न केवल निगरानी कर रहे हैं, बल्कि अपराध की स्थिति में रिकार्डिंग से सबूत भी इकट्ठा किए जा रहे हैं। इन फुटेज को अभियोजन प्रक्रिया में भी उपयोग किया जा रहा है, जिससे न्यायिक कार्रवाई को मजबूती मिल रही है।  
 
आरपीएफ इंस्पेक्टर बनारसी यादव का कहना कि ड्रोन की मदद से अपराधियों में डर का माहौल है और यात्रियों में सुरक्षा की भावना बढ़ी है। यह तकनीक भविष्य में हमारी नियमित निगरानी व्यवस्था का अभिन्न हिस्सा बनेगी।  
तीन शिफ्टों में अधिकारी व जवान, 24 घंटों हो रही निगरानी  
 
गया जंक्शन पर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद करने के लिए आरपीएफ की टीम को तीन शिफ्टों में तैनात किया गया है। ड्रोन कैमरे के साथ-साथ मैनुअल निगरानी भी जारी है। प्लेटफार्म, वेटिंग हाल, एंट्री-एग्जिट गेट और पार्किंग एरिया पर खास ध्यान दिया जा रहा है। |