अब SIT कर रही तीन साल में इस्तेमाल स्टांपों की जांच, खुलासे के बाद शासन हुआ था अलर्ट

LHC0088 2025-12-21 18:36:59 views 890
  

कमिश्नर ने सभी डीएम से तीन साल के भीतर संपत्तियों की रजिस्ट्री में लगे स्टांप की जांच कर मांगी रिपोर्ट। जागरण  



- पिछले साल हुए फर्जी स्टांप मामले के खुलासे के बाद शासन ने कमिश्नर के नेतृत्व में गठित की एसआइटी
अरुण चन्द, जागरण
गोरखपुर: पिछले साल गोरखपुर में फर्जी स्टांप मामले के खुलासे के बाद तीन साल पहले तक की सभी संपत्तियों की रजिस्ट्री में इस्तेमाल हुए भौतिक स्टांप की जांच के लिए अब शासन ने एसआइटी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम) गठित कर दी है। कमिश्नर गोरखपुर अनिल ढींगरा के नेतृत्व वाली इस टीम में पुलिस और निबंधन विभाग के डीआइजी भी शामिल हैं। टीम ने जांच शुरू कर दी है। इस संबंध में गत दिनों हुई बैठक में कमिश्नर ने मंडल के सभी जिलों गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज और देवरिया के डीएम को तय अवधि में हुई सभी रजिस्ट्री में इस्तेमाल हुए स्टांप की जांच कर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया था। हालांकि, अभी किसी भी जिले से रिपोर्ट नहीं प्राप्त हुई है।
मामले में विभागीय स्तर पर भी जांच चल रही है। गोरखपुर के विभागीय अधिकारियों का कहना है कि पांच हजार से अधिक मूल्य के ज्यादातर स्टांपों की जांच हो चुकी है। कोषागार से इनका सत्यापन भी कराया गया है। अभी तक कोई गड़बड़ी सामने नहीं आई है। अब पांच हजार से कम मूल्य के स्टांपों की जांच की जा रही है।
जांच के दौरान जिन भी संपत्तियों की रजिस्ट्री में भौतिक स्टांप का प्रयोग किया गया है, उन स्टांप पर दर्ज नंबर आदि की पूरी रिपोर्ट तैयार कर कोषागार कार्यालय से सत्यापन कराया जाएगा कि संबंधित स्टांप ट्रेजरी से ही जारी हुआ है या नहीं। पूरी रिपोर्ट तैयार कर एसआइटी, उसे शासन को भेजेगी।
रजिस्ट्री विभाग के अनुसार गोरखपुर समेत मंडल के कुछ जिलों में पिछले दो साल से संपत्ति आदि की रजिस्ट्री में ई-स्टांप का ही इस्तेमाल किया जा रहा है। ट्रेजरी में जो भौतिक स्टांप अभी बचे हुए हैं, उनका इस्तेमाल या तो सरकारी विभाग कर रहे है या फिर न्यायालयों में किया जा रहा है।
-----------------------------
डेढ़ करोड़ के पकड़े गए थे फर्जी स्टांप, ब्रिटिश काल के भी शामिल
पिछले सप्ताह अप्रैल में खुले फर्जी स्टांप के मामले में यूपी के गोरखपुर, देवरिया व कुशीनगर के रहने वाले आरोपितों के पास से पुलिस ने स्टांप छापने वाली मशीन, एक करोड़ 52 लाख 30 हजार रुपये के फर्जी स्टांप के साथ ही यूपी, बिहार के गैर न्यायिक स्टांप, रसीदी टिकट आदि बरामद किए थे। यही नहीं, इन आरोपितों के पास से ब्रिटिश काल के भी स्टांप का एक बंडल पाया गया था। इनमें ज्यादातर 25 पैसे, 50 पैसे के स्टांप शामिल थे।
आशंका जताई जा रही थी कि जालसाजों की ओर से ब्रिटिश काल के इन स्टांपों का इस्तेमाल बड़े शहरों की काफी पुरानी कीमती संपत्तियों को लेकर न्यायालयों में चलने वाले वादों को उलझाने या इनमें अपना पक्ष मजबूत करने के लिए फर्जी वसीयत बनाने में किया जाता होगा। इस मामले में करीब आठ लोग जेल भेजे जा चुके हैं।
------------------
कोट-
शासन के निर्देश पर तीन साल के भीतर प्रयोग में लाए गए भौतिक स्टांपों की जांच के लिए एसआइटी गठित की गई है। मंडल के सभी जिलों के डीएम को इस समय अंतराल में प्रयोग में लाए गए सभी स्टांपों की जांच कर रिपोर्ट भेजने को कहा गया है। अभी कहीं से रिपोर्ट आई नहीं है। जैसे ही मिल जाएगी आगे की जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को भेज दी जाएगी। - अनिल ढींगरा, कमिश्नर, गोरखपुर मंडल विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
like (0)
LHC0088Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
LHC0088

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1310K

Credits

Forum Veteran

Credits
139999

Get jili slot free 100 online Gambling and more profitable chanced casino at www.deltin51.com