कोयला डिपो बस स्टैंड का निरीक्षण करती टीम। फोटो जागरण
जागरण संवाददाता, भागलपुर। शहर को जाम से निजात दिलाने और यात्रियों को बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में जिला प्रशासन ने पहल शुरू कर दी है। अब कोयला डिपो और डिक्सन मोड़ से शहर के हर कोने के लिए आटो और ई-रिक्शा का परिचालन होगा। बुधवार को डीडीसी प्रदीप कुमार सिंह के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम ने कोयला डिपो बस स्टैंड क्षेत्र का निरीक्षण किया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस दौरान आटो स्टैंड को सुव्यवस्थित ढंग से संचालित करने, वाहनों की कतारबद्ध व्यवस्था, यात्रियों की सुविधा और ट्रैफिक नियंत्रण को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। डीडीसी ने नगर निगम को कोयला डिपो बस स्टैंड की खाली जमीन के समतलीकरण का निर्देश दिया, ताकि वहां व्यवस्थित आटो और ई-रिक्शा स्टैंड विकसित किया जा सके।
सिटी एसपी शुभांक मिश्रा ने बताया कि शहर के सभी हिस्सों के लिए यहीं से आटो और ई-रिक्शा का संचालन कराने की योजना है। इसके लिए सभी रूटों का रूट चार्ट और निर्धारित किराया भी जारी किया जाएगा, जिससे यात्रियों को पारदर्शी और सुरक्षित सेवा मिल सके। निरीक्षण के दौरान डीटीओ जनार्दन कुमार, डीएसपी ट्रैफिक संजय कुमार, सिटी मैनेजर असगर अली, अतिक्रमण प्रभारी जयप्रकाश यादव सहित अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।
बस स्टैंड के स्थानांतरित होते ही रेलवे की जमीन का होगा व्यावसायिक इस्तेमाल
जासं, भागलपुर डिक्शन रोड स्थित मालगोदाम कोयला डिपो में चल रहे बस स्टैंड के स्थानांतरित होने से रेलवे उस खाली पड़ी 2150 वर्गफीट भूमि का उपयोग व्यावसायिक व प्रशासनिक कार्य के लिए करेगा।
शहर के हृदय स्थल पर स्थित रेलवे की उस जमीन पर आलीशान भवन के निर्माण की योजना बनाई जा रही है। नगर निगम ने भूमि के उपयोग के लिए परिसर के समतलीकरण का कार्य शुरू कर दिया है।
विदित हो कि यहां संचालित बस अड्डे को भागलपुर-हंसडीहा मार्ग पर बाइपास थाना के पास रिक्शाडीह में स्थानांतरित कर दिया गया है। उसके बाद यह जमीन खाली हो गई है। इससे नए निर्माण का रास्ता साफ हो गया है।
जानकारी के अनुसार, रेलवे पिछले कई वर्षों से एक भव्य भवन निर्माण के लिए उपयुक्त जमीन की तलाश में था। शहर के बीचोबीच स्थित रेलवे की कई एकड़ यह जमीन अतिक्रमण और पुराने ढांचे की वजह से फंसी हुई थी। बस स्टैंड के रिक्शाडीह स्थानांतरित होने के बाद रेलवे को प्राइम लोकेशन में पर्याप्त भूमि मिल गई है। वहां उसके उपयोग के लिए नए सिरे से मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। |