गोरखपुर एम्स। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। एम्स में मधुमेह, मोटापा, थायराइड, वृद्धि विकार, हार्मोन से जुड़े रोगों का भी अब उपचार शुरू हो गया है। कोलकाता से एंडोक्राइनोलाजी में डीएम की पढ़ाई पूरी करने वाले डा. देबादित्य दास ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है। वह सोमवार, बुधवार व शुक्रवार को ओपीडी में बैठेंगे। सोमवार को उन्होंने ओपीडी के द्वितीय तल स्थित कमरा नंबर 207 में रोगियों का परीक्षण कर परामर्श भी दिया। दूसरे विशेषज्ञ डाक्टरों की तरह डा. देबादित्य दास भी रेफर होकर आने वाले रोगियों को ही देखेंगे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एम्स में पहली बार एंडोक्राइनोलाजिस्ट की तैनाती हुई है। स्थापना से लगायत अब तक एंडोक्राइनोलाजिस्ट की तैनाती नहीं हो सकी थी। कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डा. विभा दत्ता के विशेष प्रयासों से एक और विशेषज्ञ डाक्टर की तैनाती से पूर्वांचल के साथ ही बिहार वे नेपाल से आने वाले रोगियों को बड़ा लाभ मिलेगा। एम्स में अब सिर्फ यूरोलाजिस्ट और नेफ्रोलाजिस्ट की ही तैनाती बाकी है।
बच्चों की समस्या का भी करेंगे समाधान
डा. देबादित्य दास सलाहकार एंडोक्रानोलाजिस्ट हैं। वह हार्मोन और विकास संबंधी समस्याओं में विशेषज्ञता रखते हैं और बच्चों (बाल चिकित्सा) और वयस्कों दोनों का उपचार करेंगे। कोलकाता के रूबी जनरल अस्पताल और देसुन अस्पताल में भी काम कर चुके हैं।
वृद्धि हार्मोन की कमी, मधुमेह और अन्य अंतःस्रावी विकारों जैसी स्थितियों का उपचार करेंगे। उन्होंने कलकत्ता नेशनल मेडिकल कालेज से एमबीबीएस, अपोलो ग्लेनीगल्स हास्पिटल कोलकाता से डीएनबी और इंस्टीट्यूट आफ पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (आइपीजीएमईआर) कोलकाता से डीएम की डिग्री ली है।
नियमित व्यायाम और फास्टफूड व जंक फूड का इस्तेमाल बंद करना होगा। लोगों को अपनी जीवनशैली सुधारनी होगी। खानपान पर विशेष ध्यान देना होगा। समस्या हो तो एम्स की ओपीडी में आएं। -
-डा. देबादित्य दास, एंडोक्रानोलाजिस्ट, एम्स
एम्स के लिए एंडोक्रानोलाजिस्ट का आना बड़ी उपलब्धि है। मधुमेह, मोटापा, थायराइड, हार्मोन संबंधी विकास बड़ी समस्या बनते जा रहे हैं। एम्स में उपचार मिलने से सबको सहूलियत होगी। -
-मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डा. विभा दत्ता, कार्यकारी निदेशक, एम्स |