अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत से यात्री ट्रैफिक में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
जागरण संवाददाता, चंडीगढ़। चंडीगढ़ अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा आगामी विंटर शेड्यूल से अंतरराष्ट्रीय हवाई संपर्क को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रहा है। एयरपोर्ट प्रशासन ने एयरलाइंस कंपनियों को आकर्षित करने और नई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत को व्यवहारिक बनाने के लिए अपनी आय में आंशिक कटौती करने का निर्णय लिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इस योजना के तहत चंडीगढ़ एयरपोर्ट से बैंकाक, मलेशिया, लंदन और सिंगापुर के लिए सीधी उड़ानें शुरू करने की तैयारी की जा रही है। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए एयरपोर्ट अथाॅरिटी ने विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है।
इसके अंतर्गत संबंधित एअरलाइंस को अंतरराष्ट्रीय यात्रा की मांग, संभावित यात्री संख्या और अन्य परिचालन पहलुओं से जुड़ा डेटा उपलब्ध कराया गया है, ताकि वे इन रूट्स की आर्थिक और परिचालन व्यवहारिकता का आकलन कर सकें। अधिकारियों के अनुसार, इन रूट्स पर पर्याप्त यात्री क्षमता मौजूद है, जिसे अब तक सीधी उड़ानों के अभाव में अन्य हब्स के माध्यम से पूरा किया जा रहा है।
ओवरहेड एक्सपेंडिचर के बोझ को कम करना उद्देश्य
एयरपोर्ट प्रशासन का मुख्य उद्देश्य एयरलाइंस पर पड़ने वाले ओवरहेड एक्सपेंडिचर के बोझ को कम करना है। इसके लिए लैंडिंग, पार्किंग, ग्राउंड हैंडलिंग और अन्य एयरोनाटिकल चार्ज में रियायत देने की योजना बनाई गई है।
एयरपोर्ट अपनी कमाई में कटौती कर एअरलाइंस को संचालन लागत में राहत देगा, जिससे वे बिना अतिरिक्त वित्तीय दबाव के अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू कर सकें। अधिकारियों का मानना है कि भले ही प्रारंभिक दौर में एयरपोर्ट के राजस्व में कमी आए, लेकिन अंतरराष्ट्रीय उड़ानों की शुरुआत से यात्री ट्रैफिक में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
फिलहाल सिर्फ दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का संचालन
वर्तमान में चंडीगढ़ एयरपोर्ट से केवल दो अंतरराष्ट्रीय उड़ानें दुबई और अबू धाबी के लिए संचालित हो रही हैं। एयरपोर्ट के सीईओ अजय वर्मा के अनुसार, कई अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस के साथ बातचीत अंतिम चरण में है।
एयरपोर्ट प्रबंधन का प्रयास है कि आने वाले महीनों में सभी चार रूटों पर उड़ानें शुरू हो सकें। हरियाणा और पंजाब की सरकारें भी इस विस्तार के लिए सक्रिय हैं और एयरलाइंस को शुरुआती आपरेशंस के लिए कैश इंसेंटिव देने पर विचार कर रही हैं। |
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