तस्वीर का इस्तेमाल प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण के लिए किया गया है। जागरण
जागरण संवाददाता,गोरखपुर। ऑनलाइन गेमिंग एप की आड़ में ठगी करने वाले राकेश प्रजापति और जाने आलम काल सेंटर के जरिए लोगों को सट्टेबाजी एप पर निवेश करने का झांसा देत थे। उनके कॉल सेंटर में काम करने वाली युवतियां रोजाना 100 से अधिक लोगों को फोन करके गेम खेलने के लिए प्रेरित करती थीं। गुलरिहा पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पुलिस के अनुसार नारायणपुर नंबर 2 हीरागंज निवासी राकेश प्रजापति और भटहट चिलबिलवा निवासी जाने आलम ने खजांची रोड स्थित इंद्रा हास्पिटल के नीचे एक बेसमेंट में ‘कौशल्या इन्वेस्टमेंट’ नाम का फर्जी कॉल सेंटर चलाया हुआ था। यहां विज्ञापन देकर लड़कियों को नौकरी पर रखा जाता था और उन्हें सिखाया जाता था कि फेयर प्ले-247, एविएटर और रम्मी एप पर कैसे लोगों को निवेश कराने के लिए प्रेरित करना है।
युवतियां रोज 100 से अधिक लोगों से संपर्क करती थीं। बोनस, कैशबैक व मुनाफे का झांसा देकर उनसे एप डाउनलोड कराती थीं। जैसे ही शिकार रुपये जमा करता था, रकम सीधे राकेश व उसके नेटवर्क के म्यूल खातों में पहुंच जाती थी। उसके बाद वह कुछ ही मिनटों में विभिन्न खातों में ट्रांसफर कर दी जाती थी ताकि ट्रेसिंग मुश्किल हो जाए।
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कॉल सेंटर से बरामद किए गए लैपटाप, मोबाइल फोन की जांच में ठगी के कई प्रमाण मिले हैं। इनमें पीड़ितों की सूची,कालिंग डेटा,बैंकिंग रिकार्ड और लेन-देन के डिजिटल लाग शामिल हैं। पुलिस की साइबर टीम इन सभी उपकरणों की फोरेंसिक जांच कर रही है, ताकि पूरे नेटवर्क की कड़ियां सामने आ सकें।
जांच में यह भी सामने आया है कि कॉल सेंटर में काम करने वाली युवतियों को वास्तविक ठगी की जानकारी कम थी। उन्हें बस यह बताया गया था कि कंपनी गेमिंग प्रमोशन का काम करती है और उन्हें मासिक वेतन दिया जाएगा।
एसपी क्राइम सुधीर जायसवाल ने बताया कि जालसाजों के नेटवर्क की गहनता से जांच कराई जा रही है, जो भी दोषी मिलेगा उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी। |