प्रतीकात्मक तस्वीर
जागरण संवाददाता, देहरादून। 21 सितंबर को हुए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) पेपर लीक प्रकरण में सीबीआई जांच गति पकड़ने जा रही है।
सीबीआई ने पुलिस विभाग से कुछ फोर्स प्रतिनियुक्ति पर भेजने के लिए पत्र लिखा था, जिसके बाद पुलिस विभाग ने 14 पुलिस अधिकारियों व कर्मचाारियों को सीबीआई में प्रतिनियुक्ति में भेजने के आदेश जारी किए हैं। इनमें इंस्पेक्टर से लेकर सिपाही रैंक के अधिकारी व कर्मचारी शामिल हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए 14 कर्मचारियों में पांच ने सीबीआई में जाने के लिए खुद आवेदन किया था। जबकि शेष नौ कर्मचारियों को सीबीआई के अनुरोध पर पेपर लीक प्रकरण की जांच में सहयोग के लिए डेपुटेशन पर भेजा गया है।
सीबीआई में जाने वाले कर्मचारी नैनीताल, देहरादून, टिहरी, हरिद्वार, चंपावत, उधम सिंह नगर, पौड़ी, और सीबीसीआईडी मुख्यालय में तैनात हैं।
पेपर लीक की जांच कर रही सीबीआई बीते दिनों असिस्टेंट प्रोफेसर (निलंबित) सुमन को जेल भेज चुकी है। वहीं स्वाभिमान मोर्चा के अध्यक्ष बाबी पंवार से भी पूछताछ कर चुकी है।
सीबीआई जाने वाले इंस्पेक्टरों में नैनीताल से गणेश सिंह मनोला, सीबीसीआईडी से वेद प्रकाश थपलियाल, विजिलेंस से किरण असवाल शामिल हैं।
वहीं सिपाही अमित रावत, शबाहत जबी जिला देहरादून, दीपक भट्ट जिला टिहरी, मुकेश तोमर जिला हरिद्वार, ममता अधिकारी जिला चंपावत, हरीश चंद्र सिंह राठौर जिला ऊधमसिंहनगर, राहुल कुमार जिला पौड़ी, विनोद नेगी जिला पौड़ी, ऊषा ध्यानी सचिवालय व विधानसभा सुरक्षा, जितेंद्र आर्य जिला पौड़ी और अंजू राणा इंटेलिजेंस मुख्यालय शामिल हैं।
हाकम सिंह पर भी लटक सकती है तलवार
पेपर लीक प्रकरण में परीक्षा से एक दिन पहले दून पुलिस व एसटीएफ ने हाकम सिंह और उसके साथी को भी गिरफ्तार किया था। हाकम सिंह पर आरोप था कि वह इस परीक्षा में गड़बड़ी करा सकता है। ऐसे में अब सीबीआई भी हाकम सिंह के संबंध में जांच कर सकती है। हाकम सिंह पूर्व में कई परीक्षाओं में नकल करवाने के मामले में जेल जा चुका है।
पेपर लीक प्रकरण में अब तक यह आया सामने
21 सितंबर को हुई परीक्षा का पेपर लीक मामले में एसआईटी की शुरुआती जांच में पाया गया है कि मुख्य आरोपित खालिद ने मोबाइल फोन के जरिए परीक्षा केंद्र में परीक्षा पन्नों की तस्वीरें लीं। पूछताछ में उसने कबूल किया कि उसने परीक्षा केंद्र की रेकी की थी।
परीक्षा से पहले उसने दो बार परीक्षा केंद्र का जायजा लिया और उसने मोबाइल फोन छिपाया था। फिर उसने उन पन्नों की तस्वीरें, अपनी बहन सबिया को भेजीं, जो आगे उन्हें असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन को भेजी थी। सुमन ने 10 मिनट में ही सवालों के उत्तर भी भेज दिए। सुमन इस समय जेल में बंद हैं। |