रेलू राम हत्याकांड: 3 हत्या के बाद बेटी सोनिया और दामाद संजीव ने दो घंटे तक देखी थी मूवी, फिर 5 को उतारा था मौत के घाट

Chikheang 14 hour(s) ago views 836
  

सोनिया और संजीव ने तीन हत्याएं करने के बाद दो घंटे की थ्रिलर मूवी देखी फिर पांच को उतारा मौत के घाट।



सुरेश सहारण, हिसार। हिसार की एक शांत रात में 23 अगस्त 2001 को वह दृश्य बना, जिसकी कल्पना रोंगटे खड़े कर देते हैं। तीसरी मंजिल की बंद खिड़की जब आधी रात को खुली, तो उसके साथ एक ऐसी कहानी भी खुली जिसने इंसानियत को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया। खिड़की के उस पार खड़ी सोनिया ने जैसे ही संजीव को अंदर बुलाया, दोनों ने एक-दूसरे को गले लगाया। इसके साथ ही पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया की कोठी मौत का घर बनने लगी। पिता पर पहला वार हुआ, 45 दिन की बच्ची तक को नहीं छोड़ा गया। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

तीन हत्याओं के बाद दोनों ने दो घंटे की थ्रिलर मूवी देखी। जैसे यह कोई सामान्य रात हो। फिर पांच और जिंदगियां खत्म कर दी गईं। भाई सुनील, उसकी पत्नी शंकुतला, बहन प्रियंका और दो नन्हे बच्चे भी न बच सके। सुबह जब खून में सनी कोठी में केवल खामोशी थी, पुलिस को एक चिट्ठी मिली माई डियर संजीव, मुझे माफ कर देना… मैं सभी को खत्म कर खुद को खत्म कर रही हूं। यह वही रात थी, जब प्रेम, प्रतिशोध और पागलपन ने मिलकर आठ जिंदगियों को खामोश कर दिया।
लोहे की रॉड से मारा था पूर्व विधायक को

दोनों पहले कोठी की दूसरी मंजिल पर पहुंचे। जहां पर पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया सो रहे थे। फिर दोनों नीचे आए और एक कमरे से भारी भरकम लोहे की रॉड लेकर आए। फिर से पूर्व विधायक के कमरे में पहुंचे। उसके बाद संजीव ने लोहे की रॉड से पूर्व विधायक के सिर पर हमला कर दिया। थोड़ी आवाज आई और फिर उनकी मौत हो गई।
45 दिन की बच्ची को भी मार डाला

पूर्व विधायक की हत्या करने के बाद दोनों दबे पांव तीसरी मंजिल पर चले गए जहां पर पूर्व विधायक रेलूराम पूनियां की पत्नी कृष्णा देवी और 45 दिन की उनकी पोती प्रीति सो रही थी। संजीव ने लोहे की रॉड से कृष्णा के सिर पर वार किया। पास में सो रही प्रीति की बेरहमी से हत्या कर दी। तीन हत्याएं करने के बाद दोनों बेफ्रिक होकर ग्राउंड फलोर पर पहुंचे।
वीसीआर में देखी मूवी

तीन वारदात को अंजाम देने के बाद दोनों ने एक कमरे में बैठकर वीसीआर में दो घंटे की थ्रिलर मूवी देखी। फिर दोनों पहली मंजिल पर पहुंचे जहां पर पूर्व विधायक रेलूराम पूनिया का बेटा सुनील, पत्नी शकुंतला, चार साल का बेटा लोकेश, दो साल की बेटी शिवानी और सोनिया की 14 साल की बहन प्रियंका उर्फ पम्मा सो रही थी। लोहे की रॉड के साथ-साथ संजीव के पास पिस्टल भी थी। वहां पर सुनील उसकी पत्नी शकुंलता और बहन प्रियकां जाग रहे थे। लेकिन कोठी के अंदर की गई तीन हत्याओं से बेखबर थे।

फिर सोनिया ने प्रियंका के कान में कुछ कहा और उसे अपने साथ दूसरे कमरे में ले गई। फिर संजीव भी पीछे-पीछे कमरे में पहुंच गया। कमरे में पहुंचने के बाद प्रियंका ने स्कूल यूनिफार्म पहनी। यूनिफार्म पहनने के बाद जैसे ही वह बेड पर बैठी, पीछे से संजीव ने उसके सिर पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया। सिर पर वार होने पर उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया। पूरा बेड खून से सन गया।
फिर भाई, भाभी और बच्चों को उतारा मौत के घाट

प्रियंका की हत्या करने के बाद सोनिया और संजीव दोनों सुनील के कमरे में पहुंचे। सोनिया ने अपने भाई की कनपटी पर पिस्तौल तान दी और बोली कि चिल्लाने की कोई जरूरत नहीं है। पत्नी शंकुतला को सोफे से बांधने को कहा। फिर बोली कि आवाज लगाई तो दोनों को गोली मार दूंगी। फिर सुनील ने लाल रंग की चुन्नी से अपनी पत्नी शकुंतला को सोफे से बांध दिया।

पत्नी को सोफे से बांधने के बाद जैसे ही वह बेड पर बैठा तो संजीव ने उसके सिर पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया। फिर कई बार लोहे की रॉड से हमला किया। उसके बाद दोनों ने मिलकर शकुंतला की बेरहमी से हत्या कर दी। दोनों की हत्या करने के बाद अब घर में दो बच्चे बचे हुए थे। जो साथ वाले कमरे में सो रहे थे। फिर चार साल के लोकेश और दो साल की शिवानी की भी हत्या कर दी।
आठ लोगों की हत्या करने के बाद खून से सने कपड़े बदले

पूर्व विधायक समेत आठ लोगों की बेरहमी से हत्या करने में सुबह के चार बज गए थे। उसके बाद दोनों ने खून से सने कपड़े बदले। फिर से बैग के अंदर कपड़ों को रखा। सोनिया ने संजीव को कहा कि अब यहां से चले जाओ। फिर सोनिया खुद गाड़ी से उसे सुरेवाला चौक तक छोड़कर आई। सुबह के पांच बज चुके थे। हर रोज की तरह दूधवाला रामफल कोठी में दूध लेने के लिए आया। वह दरवाजे पर खड़ा होकर घंटी बजा रहा था। कुछ देर बाद मेन गेट पर बैठा चौकीदार अमर सिंह बोला सभी सो रहे होंगे तुम नीचे किचन में दूध रख दो।
बच्चों को स्कूल लेने आए तो वारदात का पता चला

सुबह साढ़े छह बजे सुनील के बच्चों को स्कूल ले जाने के लिए वैन आई। कई बार हार्न बजाने के बाद कोई नहीं आया तो चौकीदार ने उसे अंदर जाने का इशारा किया। वैन वाला रैंप से दूसरे फ्लोर पर चला गया। चौकीदार भी वहां पर पहुंचा। वहां पर सोनिया जमीन पर पड़ी थी। उसके मुंह से झाग निकल रहा थे। पूरा फ्लोर खून से सना हुआ था।

सोनिया ने कहा मुझे बचा लो , मेरे पति के पास फोन कर दो। उसके बाद अमर सिंह ने देखा कि कमरे में बेड पर प्रियंका का शव खून से सना हुआ पड़ा है। फिर उसने पूर्व विधायक के शव को देखा वह चिल्लाते हुए कोठी से बाहर निकला। वह पूर्व विधायक के भाई रामसिंह के पास पहुंचा। उसके बाद रामसिंह और ग्रामीण कोठी पर पहुंचे।
मुझे माफ कर देना

सूचना मिलने पर उकलाना पुलिस मौके पर पहुंची थी। पुलिस को जांच के दौरान एक किताब से चिट्ठी मिली थी। जिसमें लिखा था माई डियर संजीव मुझे माफ कर देना। मैं सभी को खत्म करने के बाद खुद को खत्म करने जा रही हूं। ये सभी मेरे साथ दुश्मन जैसा व्यवहार करते थे। मैं तुम्हारी गोद में एक बच्चा छोड़कर जा रही हूं। उसका ख्याल रखना।

मैंने अपने परिवार के साथ क्या किया, कैसे किया। कभी मेरे बेटे गोलू को मत बताना। तुम अपना ख्याल रखना। हो सके तो दूसरी शादी कर लेना। मैं अपना वादा नहीं निभा पाई। इसके लिए मुझे माफ करना। मैं इस दुनिया को अलविदा कर रही हूं। अगले जन्म में फिर तुमसे मिलूंगी। जैसा की सोनिया ने पुलिस को दिए बयान में बताया था।
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