दुकान के सामने खड़ी अधिकारी
जागरण संवाददाता, अमरोहा। हिमाचल में नशे की दवाओं के पकड़े जाने का कनेक्शन अमरोहा से जुड़ गया है। यहां दो मेडिकल स्टोर संचालकों ने नशीली दवाएं खरीदी थीं। बगैर बताए संचालक खामोशी से गायब हो गए हैं। नोटिस का जवाब नहीं दिए जाने पर विभाग ने दोनों मेडिकल स्टोर पर नोटिस चस्पा कर दिया है। जल्द ही उनके लाइसेंस को निरस्त करने की कार्रवाई होगी। हैरानी की बात ये है कि एक संचालक महाराष्ट्र तो दूसरा दिल्ली का रहने वाला है। यहां पर उन्होंने किराए पर दुकान लेकर रखी थी और दवा का कारोबार कर रहे थे। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
गत 27 अगस्त को हिमाचल प्रदेश के जनपद ऊना के औषधि निरीक्षक पंकज गौतम ने एएनटीएफ टीम के साथ ऊना नंगल रोड रक्कड कालोनी ऊना के साथ मिलकर मैसर्स रैपिड रिलीफ मेडिकोज पर छापा मारा था और यहां से नशीली टेबलेट कोविटाडोल-100 एसआर के 55 पत्ते बरामद किए थे। दवाई के रेपर पर निर्माता कंपनी का नाम पीबी लाइफ साइंसेज सोलन बद्दी हिमाचल प्रदेश अंकित मिला। जिस पर टीम ने कंपनी के अधिकारियों से बातचीत की।
इसमें पता चला कि कंपनी ने टेबलेट के 490 पत्ते मैसर्स एएस फार्मा व 507 मैसर्स केयर मेडिकोज स्थित मुहल्ला चौधरियान वार्ड दो कस्बा जोया जिला अमरोहा को विक्रय किया है। जिसकी सूचना ऊना औषधि निरीक्षक ने सहायक आयुक्त मुरादाबाद अरविंद गुप्ता व जिला में तैनात औषधि निरीक्षक रूचि बंसल को दी। इसके बाद ड्रग्स इंस्पेक्टर ने जांच पड़ताल शुरू कर दी। निरीक्षण में उनको दोनों मेडिकल स्टोर बंद मिले।
इसके बाद उन्होंने गत 19 सितंबर को मैसर्स केयर मेडिकोज फर्म स्वामी को उनके आधारकार्ड पर अंकित नाम व पते गगनदीप पुत्र नरेंद्र पाल निवासी डी-353 पीरागढ़ी कैंप शकूर बस्ती, डिपो उत्तर पश्चिम दिल्ली-110056 व फर्म मैसर्स ए.एस. फार्मा के स्वामी आदित्य कुमार गिरी पुत्र उमेश गिरी निवासी प्रथमेश आर्केड, फ्लैट नंबर 203,प्लाट नंबर 202, सेक्टर तीन, उलवे, पनवेल रायगढ़ महाराष्ट्र,410206 पर नोटिस भेजा लेकिन, उनके द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया।
मोबाइल पर संपर्क किया तो प्राप्तकर्ता ने नोटिस लेने से इन्कार कर दिया। दो नोटिस जारी होने के बाद भी जब जवाब नहीं आया तो औषधि निरीक्षक 28 नवंबर को मौके पर पहुंची। दोनों मेडिकल स्टोर बंद मिले। फर्म स्वामी के मोबाइल पर संपर्क किया तो वह भी बंद पाए गए। इसके बाद उन्होंने दोनों मेडिकल स्टोर पर कारण बताओ नोटिस चस्पा करवा दिया। बकौल औषधि निरीक्षक- दोनों फर्म के खिलाफ लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही लाइसेंस निरस्त कर दिए जाएंगे।
जांच में पता कि चार माह से गायब हैं फर्म स्वामी
औषधि निरीक्षक ने बताया कि जब वह कस्बा जोया स्थित दोनों मेडिकल स्टोर पर पहुंची तो दुकान के मालिक भी आ गए थे। पूछताछ में उन्होंने जानकारी दी कि चार माह से दोनों दुकानें बंद हैं। फर्म स्वामी का भी कोई अता-पता नहीं है। संपर्क की कोशिश की गई लेकिन, मोबाइल बंद आए।
नारकोटिक्स की टीम को भी नहीं मिले
नशीली दवाओं का कारोबार करने वाले मेडिकल स्टोर संचालकों की तलाश में दिल्ली से नारकोटिक्स की टीम भी गत नवंबर माह में कस्बा जोया के मुहल्ला चौधरियान आई थी लेकिन, दोनों दुकानों के बंद करने और आस पड़ोस के लोगों से पूछताछ कर वापस लौट गई थी।
किरायानामा से हासिल कर लिया था हाेलसेल का लाइसेंस
दोनों फर्म स्वामियों ने नशीली दवाओं के कारोबार के लिए बहुत ही शातिरपन से काम लिया। दुकानों को किराए पर लिया और उसके सहारे विभाग में हाेलसेल के लाइसेंस के लिए आवेदन कर दिया। दस्तावेज सही पाए जाने के बाद विभाग ने भी उनको लाइसेंस जारी कर दिया। करीब सात माह से दोनों मेडिकल स्टोर चल रहे थे।
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