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दिल को दुरुस्त रखने के लिए 3 कमाल की एक्सरसाइज (Picture Credit- AI Generated)
लाइफस्टाइल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में हार्ट डिजीज मौत की सबसे बड़ी वजहों में से एक है। इंडियन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार पूरी दुनिया में होने वाली दिल की बीमारियों में 60% भागीदारी भारत की है। ये आंकड़े बताते हैं कि दिल को बीमार होने से पहले ही उसकी देखभाल कितनी जरूरी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सही खानपान के साथ-साथ सही एक्सरसाइज भी आपकी हार्ट हेल्थ को बेहतर बनाने में कारगर हैं। आइए, ऐसी ही 3 एक्सरसाइज के बारे में जानें जो दिल को सेहतमंद रखने में मददगार हो सकती हैं।
एरोबिक एक्सरसाइज
यह एक्सरसाइज कार्डियो कहलाती है। यह स्टेमिना के लिए काफी अच्छा माना जाता है। जब आप एरोबिक एक्सरसाइज करते हैं तो हार्ट रेट बढ़ने के साथ-साथ पसीना भी आता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और ब्लड प्रेशर भी कम होता है। एरोबिक एक्सराइज के लिए आप वॉकिंग, स्वीमिंग, जॉगिंग करने के साथ-साथ बैडमिंटन, बास्केटबॉल जैसे गेम भी खेल सकते हैं।
स्ट्रेंथ ट्रेनिंग
इससे आपकी रेजिस्टेंस क्षमता बढ़ती है और जिन लोगों के शरीर में ज्यादा चर्बी जमा हो गई है उनके फैट को कम करने में मददगार है। एरोबिक एक्सराइज के साथ स्ट्रेंथ ट्रेनिंग को मिलाने से गुड कोलेस्ट्रॉल के स्तर को बढ़ाने और बैड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को कम करने में मदद मिलती है। हालांकि, रेजिस्टेंस ट्रेनिंग से पहले अपने डॉक्टर या एक्सपर्ट से जरूर सलाह लें।
स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज
भले ही यह सीधे तौर पर हार्ट हेल्थ में मदद ना करती हो लेकिन यह लचीलापन बढ़ाती है। ऐसा होने से एक्सरसाइज के दौरान मांसपेशियों में ऐंठन, जोड़ों में दर्द और मसल पर स्ट्रेन नहीं पड़ता।
इन बातों का रखें ध्यान
- कोई भी एक्सरसाइज करने से पहले वॉर्म अप करना न भूलें। इससे आपकी हार्ट रेट धीरे-धीरे बढ़ती है और हार्ट पर एकदम से दबाव नहीं पड़ता और एक्सरसाइज के दौरान दिल की धड़कनों के असामान्य रूप से बढ़ जाने का खतरा कम हो जाता है।
- एक्सरसाइज के बाद कूलिंग डाउन भी उतना ही जरूरी है। वर्कआउट के बाद हार्ट रेट, बॉडी का तापमान बढ़ता है और ब्लड वेसल्स फैलती हैं। यदि आप एकदम से एक्सराइज करना बंद कर देते हैं तो चक्कर जैसा महसूस हो सकता है या तबीयत खराब लग सकती है।
- स्ट्रेचिंग एक्सराइज को कूल डाउन सेशन के दौरान करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इससे मसल्स में लैक्टिक एसिड बनने की मात्रा कम करने में मदद मिल सकती है। ऐसा होने से मसल्स क्रैम्प या उनमें कड़ापन होने की शिकायत कम हो सकती है।
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