फास्ट फूड, तनाव और कम नींद बना नई पीढ़ी में शुगर बढ़ने का बड़ा कारण।
रोहित कुमार, चंडीगढ़। पंजाब में मधुमेह सिर्फ एक बीमारी नहीं, बल्कि तेजी से बढ़ता लाइफस्टाइल क्राइसिस बनकर सामने आ रहा है। स्थिति यह है कि राज्य में हर दसवां व्यक्ति डायबिटीज से जूझ रहा है। सबसे बड़ी चिंता यह है कि यह बीमारी अब 40-50 वर्ष की उम्र तक सीमित नहीं रही, बल्कि कॉलेज स्टूडेंट्स और नई नौकरी शुरू करने वाले युवाओं तक तेजी से पहुंच चुकी है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
घंटों मोबाइल स्क्रीन पर समय बिताना, लगातार फास्ट फूड खाना, असंतुलित नींद और तनाव जैसी आदतें युवाओं के शरीर में हाई शुगर की जमीन तैयार कर रही हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट के अनुसार इस वित्तीय वर्ष में हुई 25.95 लाख लोगों की जांच में 2.40 लाख नए मरीज मिले हैं, जो पिछले दो वर्षों की तुलना में सबसे तेज वृद्धि है।
वर्ष 2023-24 में जहां 86,744 मरीज मिले थे, वहीं 2024-25 में यह संख्या बढ़कर 2.25 लाख हो गई थी और 2025-26 में स्थिति और गंभीर दिख रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि पंजाब में जंक फूड कल्चर, मीठे पेय पदार्थों का बढ़ता सेवन और अनियमित जीवनशैली ने इस बीमारी को विस्फोटक रूप से फैलाया है। एक हालिया डिजिटल हेल्थ सर्वे में सामने आया कि पंजाब के 63 प्रतिशत युवा दिन में दो बार से ज्यादा बाहर का खाना खा रहे हैं, जबकि 52 प्रतिशत युवा छह घंटे से कम नींद ले रहे हैं।
दोनों आदतें डायबिटीज को सीधे बढ़ावा देने वाली मानी जाती हैं। रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि बार-बार प्यास लगना, थकान, वजन में अचानक बदलाव, घावों का देर से भरना और बार-बार संक्रमण जैसे लक्षणों को युवा सामान्य तनाव समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे बीमारी और खतरनाक रूप ले रही है।
पड़ोसी राज्यों में भी हालात बेहतर नहीं हैं। हरियाणा में इस वर्ष 2.11 लाख और हिमाचल प्रदेश में 68,498 डायबिटीज मरीज मिले हैं। हिमाचल की स्थिति थोड़ी बेहतर इसलिए मानी जा रही है क्योंकि वहां की लाइफस्टाइल अपेक्षाकृत अधिक एक्टिव है और फास्ट फूड की खपत कम है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने बढ़ते मामलों को देखते हुए पूरे देश में स्क्रीनिंग और इलाज को मजबूती दी है।
बावजूद इसके, विशेषज्ञों का मानना है कि अगर युवा अपनी आदतें नहीं बदलते तो आने वाले वर्षों में सरकारी स्वास्थ्य ढांचे पर भारी दबाव पड़ सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी साफ है अगर अभी युवा पीढ़ी ने अपनी दिनचर्या पर ध्यान नहीं दिया तो आने वाले समय में पंजाब डायबिटीज का हाटस्पाट बन सकता है।
विशेषज्ञों के अनुसार लाइफस्टाइल में छोटे-छोटे बदलाव जैसे रोजाना 30 मिनट की वाक, दिन में 7-8 घंटे की नींद, जंक फूड और मीठे पेय पदार्थों से दूरी और साल में एक बार नियमित शुगर जांच इस बढ़ते संकट से बचाव की बड़ी कुंजी साबित हो सकते हैं। |