बैजनाथपुर दियारा बॉर्डर पर पहुचे साहिबगंज और मनिहारी के पदाधिकारी और कर्मी। जागरण
जागरण संवाददाता, साहिबगंज। बिहार से झारखंड को अलग हुए 25 साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन आज तक दोनों राज्यों का सीमांकन नहीं हुआ है। इससे सबसे अधिक परेशानी सदर प्रखंड के किसानों को होती है। ऐसे में यहां के किसानों ने हाई कोर्ट में सीमांकन के लिए जनहित याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट ने उसपर सुनवाई करते हुए उपायुक्त हेमंत सती को सीमांकन कराने का आदेश दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
इसके लिए डीसी के आदेश पर एक कमेटी का गठन किया गया जिसमें सीआई, तीन अमीन व सदर ब्लॉक के कर्मचारी शामिल हैं। आदेश मिलने के बाद सीओ बासुकीनाथ टुडू पूरी टीम के साथ बिहार के बैजनाथपुर दियारा पहुंचे जहां पहले से कटिहार के मनिहारी अंचल से कर्मी व अमीन पहुंचे हुए थे। पहले दिन अधिकारियों ने दोनों राज्य की सीमा का जायजा लिया। बुधवार से मापी शुरू होगी।
गौरतलब है कि तत्कालीन डीसी संदीप सिंह के कार्यकाल में हाई कोर्ट के आदेश पर सीमांकन शुरू हुआ था। कटिहार जिला से एसडीओ, अंचलाधिकारी सहित तमाम कर्मियों ने साहिबगंज पहुंचकर उपायुक्त के साथ सर्किट हाउस में बैठक की थी। दो चार दिन तक मापी होने के बाद मामला ठंडे बस्ता में चला गया।
बाहुबलियों ने किसानों की जमीन पर किया कब्जा
दर प्रखंड के रामपुर मौजा के बलुआ टोला व रामपुर दियारा में एक हजार से अधिक बीघा जमीन को दबंग प्रवृति के लोगों द्वारा जोता जा रहा है। यह सिलसिला पिछले 25 साल से अधिक समय से चलते आ रहा है। वहां के दर्जनों पीड़ित किसान मंगलवार को सदर ब्लॉक पहुंचे और अंचलाधिकारी व कर्मचारी को आवेदन देकर मापी कराने का अनुरोध किया।
किसान पिछले तीन साल से सदर ब्लॉक के चक्कर लगा रहे हैं। आज तक इनके आवेदन पर किसी ने सुनवाई तक नहीं की जबकि उक्त मौजा में किसान घर बनाकर रह रहे हैं। किसानों के पास उक्त जमीन का पेपर व मैप भी है। जब जब किसान खेती के सीजन में अपने खेत को जोतने के लिए पहुंचते है, बाहुबलियों द्वारा रोक दिया जाता है। जोर जबरदस्ती करने पर मारने की धमकी दी जाती है।
जिला प्रशासन का साथ नहीं मिलने से उक्त मौजा में 105 किसान डर से अपनी जमीन को जोत नहीं पाते हैं। मंगलवार को शिवनाथ सिंह, रघु मंडल, सुखाड़ी महतो, श्याम महतो, हरिवंश, बटोरन, शंभू सिंह, देवराज देवी, लाला सिंह, शांति देवी, भोला, खुशीलाल, शिवनाथ आदि किसान प्रखंड मुख्यालय पहुंचे थे।
काम धाम छोड़कर ब्लाक आते हैं। अपनी समस्या पदाधिकारी को बताते हैं कि मापी कराकर हमारी जमीन को दिला दिया जाए। आज कार्यालय का चक्कर लगाते लगाते तीन साल बीत गए। एक बार भी जिला प्रशासन की तरफ से मापी करने के लिए संज्ञान नहीं लिया। आज स्थिति यह हो गई है कि अपने खेत पर दूसरे लोग कब्जा कर जोत तक फसल उपजा रहा हैं। बोलने पर जान से मारने की धमकी देता है। जिला प्रशासन को संज्ञान लेना चाहिए। - रघुनाथ मंडल, किसान
1975 में जमीन की रजिस्ट्री कराई थी। हमारे पास वैध रसीद व मैप है। इस मौजा में हम 105 किसान हैं जिनका एक हजार से अधिक बीघा जमीन दबंगों ने कब्जा कर लिया है। बहुत दिनों तक अपने खेती करते थे लेकिन बाढ़ का पानी घटने के बाद दबंगों द्वारा जमीन पर पिछले 25 साल से कब्जा कर लिया है। हम सीधे साधे किसान हैं। जान का डर लगा रहता है। जिला प्रशासन एक बार साथ दे तो मापी हो जाएगी। उन लोगों के पास कोई पेपर नहीं है। - शिव दयाल सिंह, पूर्व मुखिया
किसानों ने अपनी जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत की है। आवेदन पर विचार किया जाएगा। एक टीम बनाकर जमीन की मापी जल्द करा दी जाएगी। किसानों को इंसाफ जरूर मिलेगा। यदि किसानों के पास जमीन का पेपर है तो, किसान को बुलाकर एक बार विचार विमर्श किया जाएगा। - बासुकीनाथ टुड्डू, अंचलाधिकारी, सदर प्रखंड |