वैशाली में सड़कों पर मौत का तूफान
रविकांत सिंह, हाजीपुर(वैशाली)। वैशाली जिले में सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अप्रैल 2025 से नवंबर 2025 तक के आठ महीनों में जिले में हुए विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं ने न केवल प्रशासन और परिवहन विभाग की लापरवाही उजागर की है, बल्कि जिले की सड़क सुरक्षा व्यवस्था को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है। इन आठ महीनों में कुल 212 लोगों की मौत सड़क हादसों में हो चुकी है, जबकि 78 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। केवल नवंबर माह में ही 25 लोगों की जान चली गई, जो स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सबसे अधिक हादसे हाजीपुर–मुजफ्फरपुर एनएच-22, हाजीपुर–महुआ मुख्य मार्ग और हाजीपुर–लालगंज रोड पर दर्ज किए गए हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि ओवरटेकिंग, तेज रफ्तार और चालकों की लापरवाही इन दुर्घटनाओं की मुख्य वजह है।
हादसों के बाद स्थानीय लोग सड़क जाम कर विरोध जताते हैं, जिसके बाद पुलिस पहुंचकर मामला शांत कराती है, लेकिन जाम हटने के बाद कागजी कार्रवाई से आगे कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते। यही वजह है कि हादसों का सिलसिला लगातार जारी है।
यातायात थाना के अनुसार, अप्रैल से नवंबर तक सड़क हादसों से जुड़े 202 कांड दर्ज किए गए हैं। इसी अवधि में 109 दोपहिया, तिपहिया, चारपहिया और भारी वाहन जब्त किए गए, जिनमें से केवल 22 वाहनों का निष्पादन किया गया है।
वाहनों की बढ़ती संख्या और नियमों के पालन में ढिलाई भी दुर्घटनाओं के लगातार बढ़ने की बड़ी वजह मानी जा रही है।
घायल 78 लोगों में से अधिकांश का प्राथमिक उपचार स्थानीय पीएचसी, सदर अस्पताल और निजी नर्सिंग होम में किया गया। गंभीर रूप से घायल कई लोगों को हाजीपुर से पीएमसीएच रेफर करना पड़ा।
स्वास्थ्य केंद्रों पर इलाज का दबाव भी इन महीनों में काफी बढ़ा, जो दुर्घटनाओं की आवृत्ति को और स्पष्ट करता है।
आंकड़ों पर नजर डालें तो अप्रैल में 19, मई में 27, जून में 33, जुलाई में 39, अगस्त में 18, सितंबर में 23, अक्टूबर में 28 और नवंबर में 25 लोगों की मौत हुई।
लगभग हर महीने 20 से 40 के बीच मौतें होना इस बात का प्रमाण है कि जिले में सड़क सुरक्षा का ढांचा बेहद कमजोर है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि समय रहते सड़क सुधार, स्पीड कंट्रोल, ओवरलोडिंग पर कार्रवाई, ब्लाइंड स्पॉट की पहचान और ट्रैफिक पुलिस की तैनाती जैसी पहलें नहीं की गईं, तो आने वाले महीनों में सड़क हादसे और भयावह रूप ले सकते हैं।
जिले में 8 महीने में 212 मौतें प्रशासन और सड़क निर्माण एजेंसियों के लिए एक कड़ा चेतावनी संदेश हैं।
वैशाली के लोगों की मांग है कि सड़कें सुरक्षित बने, लापरवाह चालकों पर कार्रवाई हो और परिवहन विभाग अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाए, ताकि रोजाना सड़कों पर बिखर रही जिंदगी की कीमतें कम हो सकें। |