पुरातन भवनों पर लगातार हो रही आग की घटनाओं को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है। जागरण
जागरण संवाददाता, नैनीताल। नैनीताल शहर में ब्रिटिश कालीन काष्ठ संरचना आधारित पुरातन भवनों पर लगातार हो रही आग की घटनाओं को जिलाधिकारी ने गंभीरता से लिया है। मंगलवार रात को शिशु मंदिर सहित आसपास के भवन में भीषण अग्निकांड के बाद स्थानीय लोग हाइडेंट्स की स्थिति तथा दमकल विभाग की कार्यशैली पर स्वला उठा रहे हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
उन्होंने कहा कि अग्निकांड की स्थिति में उच्च जोखिम की निर्माण शैली वाली इमारतों में घटित घटनाओं से क्षेत्र में उपलब्ध अग्नि सुरक्षा व्यवरथाओं, विशेषकर फायर हाइड्रेट्स की कार्यशीलता एवं क्षमता का आंकलन जरूरी है। डीएम ललित मोहन रयाल ने नैनीताल के एसडीएम, जल संस्थान के अधिशासी अभियंता, फायर स्टेशन के अग्निशमन अधिकारी की संयुक्त समिति गठित की है। यह समिति नगर क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण कर जिलाधिकारी को रिपोर्ट देगी।
इसमें नगर क्षेत्र में स्थापित फायर हाइड्रेट्स में से क्रियाशील-अक्रियाशील का अलग अलग विवरण, प्रत्येक हाइड्रेट्स तक दमकल वाहनों की वास्तविक पहुंच क्षमता का परीक्षण, मरम्मत, पुनर्स्थापना या अतिरिक्त फायर हाइड्रेट् स्थापना के लिए तकनीकी एवम् प्रशासनिक संस्तुति, हाईडेंट्स में पानी की सीधी सप्लाई की व्यावहारिक संभावनाओं पर विचार आदि पर बिंदु शामिल हैं।
समिति निरीक्षण कार्य शुरू कर सात दिन के भीतर जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रस्तुत करेगी, ताकि आवश्यक अग्नि सुरक्षा सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। उधर विद्या भारती संचालित शिशु मंदिर में आग के बाद वहां अध्ययनरत 130 बच्चों को सरस्वती विद्या मंदिर में शिफ्ट किया जा रहा है।
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