रोग निगरानी कार्यक्रम में हो रहा एआइ उपकरणों का उपयोग- जाधव (फोटो- एएनआई)
पीटीआई, नई दिल्ली। स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने शुक्रवार को लोकसभा को बताया कि एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आइडीएम) अप्रैल 2022 से प्रारंभिक चेतावनी संकेतों का पता लगाने और संभावित प्रकोपों के समय पर प्रबंधन के लिए अलर्ट जारी करने हेतु आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) उपकरणों का उपयोग कर रहा है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
जाधव ने एक लिखित उत्तर में कहा कि इस कार्यक्रम को संचारी रोगों की निगरानी और प्रतिक्रिया का दायित्व सौंपा गया है। जाधव ने बताया कि सभी 36 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश एकीकृत स्वास्थ्य सूचना प्लेटफार्म के माध्यम से रिपोर्ट करते हैं, जो जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर जन-स्वास्थ्य निगरानी के लिए एक प्लेटफार्म प्रदान करता है।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) को सरकार द्वारा सितंबर 2021 में एक एकीकृत, नागरिक-केंद्रित राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य पारिस्थितिकी तंत्र के विकास का समर्थन करने के लिए लांच किया गया था।
सरकार ने सभी 16 डीपीएसयू के कामकाज और प्रदर्शन की समीक्षा की
सरकार ने हाल ही में सभी 16 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (डीपीएसयू) के कामकाज और प्रदर्शन की समीक्षा की है, जिसमें उनके कारोबार, लाभ, स्वदेशीकरण के प्रयासों और रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए अनुसंधान एवं विकास की योजना का जिक्र है।
रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने एक लिखित उत्तर में कहा कि सरकार ने नियमित समीक्षा के हिस्से के रूप में 10 नवंबर 2025 को सभी 16 डीपीएसयू के कामकाज और प्रदर्शन की समीक्षा की है।
बैठक का उद्देश्य डीपीएसयू के कारोबार, लाभ, स्वदेशीकरण के प्रयासों और निर्यात सहित अनुसंधान और विकास की योजना के संबंध में उनके प्रदर्शन की समीक्षा करना और रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता हासिल करना था।
स्वास्थ्य अभियान के दौरान लाखों महिलाओं ने कराई स्वास्थ्य जांच : नड्डा
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने शुक्रवार को लोकसभा में बताया कि स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान के तहत 62 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच की गई है।
इस दौरान 96.5 लाख किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता संबंधी परामर्श दिया गया। यह अभियान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा महिला और बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से 17 सितंबर से दो अक्टूबर तक चलाया गया था।
अभियान के दौरान 97.2 लाख महिलाओं की मधुमेह जांच, 40.8 लाख की ओरल कैंसर जांच, 37.7 लाख की स्तन कैंसर जांच, और 19.2 लाख की गर्भाशय कैंसर जांच की गई। देशभर में 19.7 लाख विशेष स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए। इनमें लगभग 11 करोड़ से अधिक लोगों की भागीदारी रही।
नड्डा ने कहा कि मोटापे से लड़ने के लिए तेल और चीनी के सेवन को कम करने के लिए भी प्रोत्साहित किया गया। इन गतिविधियों में मातृ और बाल पोषण के बारे में जागरूकता बढ़ाने, साथ ही प्रारंभिक बाल देखभाल और शिक्षा पहलों (पोषण भी पढ़ाई भी) पर जोर दिया गया।
मंत्रालयों ने विशेष पंजीकरण अभियान आयोजित किया ताकि गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को नकद प्रोत्साहन मिल सके। |