रामजन्मभूमि परिसर के गेट संख्या-तीन (जगद्गुरु मध्वाचार्य द्वार) की साज-सज्जा
लवलेश कुमार मिश्र, जागरण अयोध्या : रामनगरी में रामलला का दर्शन करने पहुंचने वाले विशिष्टजनों को शीघ्र रामजन्मभूमि परिसर के वीवीआइपी गेट संख्या-11 से प्रवेश दिया जाएगा। आद्य शंकराचार्य नामक इस प्रवेश द्वार से वर्तमान में प्रधानमंत्री, राज्यपाल व मुख्यमंत्री जैसे अति विशिष्टजनों को ही प्रवेश दिया जाता है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
अन्य विशिष्टजनों को गेट संख्या-तीन (जगद्गुरु मध्वाचार्य द्वार) से प्रवेश मिलता है। पखवारे भर बाद ट्रस्ट इस द्वार का भी निर्माण शुरू कराने जा रहा है। इसका दायित्व उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को सौंपा गया है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से रामजन्मभूमि परिसर के चार भव्य प्रवेश द्वारों का निर्माण कराया जा रहा है। पिछले दिनों इन द्वारों का ट्रस्ट ने चार प्रख्यात संतों के नाम पर नामकरण भी कर दिया है। मुख्य प्रवेश द्वार यानी रामजन्मभूमि पथ को जगद्गुरु रामानंदाचार्य प्रवेश द्वार, गेट संख्या-तीन को जगद्गुरु मध्वाचार्य, गेट संख्या-11 को आद्य शंकराचार्य और गेट संख्या-पांच यानी उत्तरी द्वार को जगद्गुरु रामानुजाचार्य प्रवेश द्वार का नाम दिया गया है।
आद्य शंकराचार्य व जगद्गुरु रामानुजाचार्य प्रवेश द्वार का निर्माण हाल ही में संपन्न हुआ है। जगद्गुरु रामानंदाचार्य प्रवेश द्वार को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के समय ही निर्मित करा दिया गया था। यद्यपि इस मार्ग पर प्रवेश मंडप का निर्माण शेष है। ध्वजारोहण समारोह के कुछ दिनों पूर्व ही आद्य शंकराचार्य (गेट संख्या-11) प्रवेश द्वार का निर्माण पूरा हुआ है। इसे अति विशिष्ट प्रवेश द्वार के नाम से भी जाना जाता है। अब ट्रस्ट ने क्रासिंग-थ्री यानी जगद्गुरु मध्वाचार्य प्रवेश द्वार का भी निर्माण कराने का निर्णय लिया है।
इसका कार्य वीवीआइपी गेट का निर्माण जारी रहने की वजह से रोका गया था और विशिष्ट अतिथियों को रामपथ पर स्थित गेट संख्या-तीन से ही प्रवेश दिया जा रहा था। अब जबकि पखवारे भर में उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम (यूपीआरएनएन) गेट संख्या-तीन को भी भव्य तरीके से बनवाएगा तो विशिष्टजनों को वीवीआइपी द्वार से प्रवेश दिया जाने लगेगा।
कार्यदायी संस्था के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रस्ट ने सभी प्रवेश द्वारों के निर्माण के लिए एक साथ ही टेंडर किया है। इनके निर्माण पर लगभग 21 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। जगद्गुरु मध्वाचार्य प्रवेश द्वार की भी ऊंचाई पांच मीटर होगी। इसमें भी चार गेट लगेंगे, जिसमें दो छोटे गेट पैदल जाने वाले श्रद्धालुओं या कर्मियों के लिए होंगे। |