प्रबंधन विज्ञान में जनरल एमबीए के अलावा नए सत्र में फूड एंड एग्री बिजनेस कोर्स में भी नामांकन। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, मोतिहारी (पूर्वी चंपारण)। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करते हुए पाठ्यक्रमों में भी विस्तार किए जा रहे हैं। इसी क्रम में पंडित मदन मोहन मालवीय स्कूल आफ कामर्स एंड मैनेजमेंट साइंसेज के अंतर्गत फूड एंड एग्री बिजनेस के रूप में नया एमबीए कोर्स शामिल किया गया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
नए सत्र से इस कोर्स में नामांकन भी हुए हैं। पहले से यहां जेनरल एमबीए पाठ्यक्रम के अंतर्गत शिक्षा व्यवस्था थी। अब दो पाठ्यक्रम हो गए हैं। जेनरल एमबीए में नामांकन के लिए प्रबंधन विज्ञान विभाग में कुल 50 सीटें हैं।
जबकि फूड एंड एग्री बिजनेस कोर्स के लिए 33 सीटें निर्धारित है। इस संबंध में सहायक कुल सचिव सच्चिदानंद सिंह ने कहा कि अगले सत्र से एक और पाठ्यक्रम इंटरनेशनल बिजनेस को शामिल करने की योजना है। इसके लिए आवश्यक प्रक्रियाओं को पूरा किया जा रहा है।
यहां बता दें कि इसी वर्ष अगस्त में एमबीए के इन पाठ्यक्रमों को शामिल करने की घोषणा की गई थी। इसके लिए एमजीसीयू द्वारा सलाहकार समिति का भी गठन किया गया था। समिति में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, आनंद कृषि विश्वविद्यालय एवं जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों को शामिल किया गया था।
इस पहल की सराहना करते हुए कुलपति प्रो. संजय श्रीवास्तव ने कहा था कि एमजीसीयू का संकल्प है कि हम ऐसे शैक्षणिक कार्यक्रम तैयार करें जो न केवल उच्चतम अकादमिक मानकों पर खरे उतरें, बल्कि बदलते रोजगार बाजार की मांगों को भी पूरा करें।
ये एमबीए कार्यक्रम हमारे विद्यार्थियों को नए अवसर प्रदान करेंगे और उन्हें वैश्विक दृष्टिकोण एवं व्यावहारिक अनुभव से सुसज्जित करेंगे। इस संबंध में प्रबंधन विज्ञान विभाग की अध्यक्ष डा. सपना सुगंधा ने कहा कि ये कार्यक्रम सिद्धांत और व्यवहार का उत्कृष्ट संयोजन हैं।
फूड एंड एग्रीबिजनेस भारत का उभरता हुआ क्षेत्र है। जबकि इंटरनेशनल बिजनेस वैश्विक अवसरों का द्वार खोलने की कुंजी है। हमारा लक्ष्य ऐसे स्नातकों को तैयार करना है जो उद्योग के लिए तत्पर और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम हों।
उल्लेखनीय है कि पंडित मदन मोहन मालवीय स्कूल आफ कामर्स एंड मैनेजमेंट साइंसेज के अंतर्गत की जा रही यह पहल विद्यार्थियों के लिए नए अवसर प्रदान करेगी। प्लेसमेंट के मामले में भी एमजीसीयू के प्रबंधन विज्ञान विभाग की बेहतर स्थिति रही है। |