deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

...ताकि फिर न हो एक और अल-फलाह, Delhi Blast के बाद गुरुग्राम पुलिस की इंटेलिजेंस यूनिट ने कसी कमर

cy520520 2025-12-5 17:39:01 views 758

  



विनय त्रिवेदी, गुरुग्राम। यह जरूर है कि फरीदाबाद में अल-फलाह जैसी घटना और दिल्ली धमाके के बाद गुरुग्राम की लोकल इंटेलिजेंस टीम ज्यादा सक्रिय हुई है, लेकिन पहले कई घटनाओं की जानकारी में फेल हो चुकी है।

दिल्ली धमाके के बाद पुलिस आयुक्त के निर्देश पर टीमें मुखबिर तंत्र को मजबूत बना रही हैं। आरडब्ल्यूए और गांव स्तर पर लोगों को अपने साथ जोड़कर उनसे वहां की जानकारी ली जा रही है।

फरीदाबाद में बड़ी मात्रा में विस्फोटक बरामद होने और आतंकियों के कई दिनों तक फरीदाबाद में रहने, घूमने के बाद भी वहां की इंटेलिजेंस समय पर पता नहीं लगा पाई। गुरुग्राम में भी पिछले सालों में कई बड़ी घटनाएं हुई हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इसमें सबसे ताजा घटना

पिछले साल दिसंबर की है। यहां सेक्टर 29 स्थित क्लबों पर बम से हमला किया गया था। इसमें गोल्डी बराड़ और लारेंस बिश्नोई गिरोह का नाम सामने आया था। हालांकि, इस हमले में किसी की जान का नुकसान तो नहीं हुआ, लेकिन यह एक इंटेलिजेंस की नाकामी जरूर साबित हुआ।

कुख्यात अपराधी शहर में आए और हमला करने में सफल रहे। हालांकि, इस दौरान कई लोगों को पुलिस ने पकड़ा भी था। इसके अलावा भी समय-समय पर गुरुग्राम से कई अपराधी दूसरे राज्यों की पुलिस ने गिरफ्तार किए हैं, उन मामलों में भी गहनता से कार्रवाई न होने से उनके बारे में लोकल इंटेलिजेंस टीम को समय रहते पता नहीं लग सका।
कई स्तर पर काम करती हैं इंटेलिजेंस की टीमें

गुरुग्राम में कई स्तर पर इंटेलिजेंस की टीमें काम करती हैं। एक टीम गुरुग्राम पुलिस के अंडर में काम करती है तो दूसरी टीम सीधे चंडीगढ़ विभाग को रिपोर्ट करती है।लोकल इंटेलिजेंस के अधिकारी सीधे पुलिस आयुक्त को प्रतिदिन की रिपोर्ट साझा करते हैं।

वहीं, सीआईडी की टीम चंडीगढ़ अपने अधिकारियों को जानकारी भेजती है। चंडीगढ़ से भी गुरुग्राम के बारे में जानकारी भेजी जाती है। केंद्रीय एजेंसियाें के भी कर्मचारी गुरुग्राम में तैनात रहते हैं और बड़ी घटनाओं व वीआइपी के दौरे पर नजर रखते हैं।

यह भी पढ़ें- गुरुग्राम नगर निगम के 10 अधिकारियों को चार्जशीट करने का आदेश, निगमायुक्त को दिया 7 दिन का वक्त  


हर थाने में बीट कांस्टेबल होते हैं, बीट इंचार्ज होते हैं, वह इसके लिए जनता के साथ समन्वय बनाएं। यह हर दिन होना चाहिए, न कि कोई घटना होने पर इसके लिए जागना चाहिए। पब्लिक संस्थाओं को साथ में लेकर चलें, उनसे हर दिन अपडेट रहें। जहां पर सोसायटी नहीं हैं, वहां की जनता के साथ समन्वय बनाएं। गांवों में पंचायतों के लोगों से भी संपर्क बनाएं, उनका सहयोग लें। पुलिस की संख्या कम है, पुलिस तो अपना काम करती ही है, ऐसे में सूचनाएं ही होती हैं।

सूचनाओं के आाधार पर ही सभी गैरकानूनी गतिविधियों को रोका जा सकता है। अगर वह अपना मुखबिर तंत्र मजबूत कर ले तो किसी भी आपराधिक गतिविधि को समय रहते रोका जा सकता है। संस्थाओं व अन्य लोग देशहित में काम करना चाहते हैं, रेगुलर मीडिया व सामाजिक संगठनों से भी समय-समय पर बात कर सूचनाएं लेनी चाहिए। पुलिस पब्लिक मीटिंग भी जरूरी है। मोहल्ला स्तर पर मुखबिर तंत्र मजबूत करना चाहिए। संवदेनशील इलाकों में जरूर नजर बनाए रखनी चाहिए। पुलिस को इसके लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए।





-

- शील मधुर, पूर्व डीजीपी, हरियाणा


गुरुग्राम पुलिस के जवानों को सादी वर्दी में जगह-जगह तैनात किया गया है। सीआईडी टीम और मुखबिर तंत्र को और एक्टिव होने के लिए कहा गया है। संदिग्धों पर पैनी नजर बनाने और तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने के निर्देश भी सभी थाना क्षेत्र की पुलिस को दिए गए हैं। सुरक्षा की दृष्टि से सभी पुलिसकर्मियों को दिशानिर्देश दिए हैं।


-

-विकास अरोड़ा, पुलिस आयुक्त
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
cy520520

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1210K

Credits

Forum Veteran

Credits
129244