सरकार चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है।
राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ वर्ष में चिकित्सा शिक्षा को लगातार बढ़ावा मिल रहा है। अब इंदिरा गांधी डेंटल कालेज जम्मू के चार विभागों को अार्थिक रूप से पिछड़े वर्ग में पीजी (एमडीएस) की सीटों को मंजूरी मिली है। इसी के साथ डेंटल कालेज जम्मू में पीजी की सीटों की संख्या अब 21 हो गई हें। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
केंद्र सरकार की ओर से दी गई सूचना के अनुसार इंदिरा गांधी डेंटल कालेज जम्मू के चार विभागों में ईडब्ल्यूएस के तहत एक-एक और सीट बढ़ी है। इन विभागों में प्रास्थोडांटिक्स और क्राउन और बि्रज, कंज्रवेटिव डेंटिस्ट्री और एंडोडांटिक्स, आर्थाेडांटिक्स और डेंटोफेशियल आर्थाेपैडिक्स तथा पीडियाट्रिक आैर प्रीवेंटिव डेंटिस्ट्री शामिल है। यह सीटें अकादमिक सत्र 2026-27 के लिए बढ़ी हैं।
डेंटल कालेज कालेज जम्मू में वर्ष 2020 में पहली बार सात विभागों में पीजी शुरू करने की इजाजत मिली थी। इन सभी विभागों में दो-दो सीटों को मंजूरी मिली थी।
इन विभागों में पेरियोडांटिक्स, आर्थाेडांटिक्स, कंज्रवेटथ्व डेंटिस्ट्री, प्रास्थोडांटिक्स, पीडोडांटिक्स, ओरल पैथालोजी और ओरल सर्जरी शामिल हैं।इस वर्ष प्रीवेंटिव सोशल मेडिसीन में तीन सीटों को मंजूरी मिली थी। अब चार विभागों में चार और सीटें बढ़ने काे मंजूरी मिली है।
डेंटल कालेज जम्मू के प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि पहले जम्मू-कश्मीर में बीडीएस करने के बाद उच्च शिक्षा विभाग कह संभावनाएं नहीं थी। लेकिन अब लगातार सीटें बढ़ रही हैं। अब यहां के युवाओं को दोनो सरकारी डेंटल कालेजों में ही मास्टर डिग्री करने के मौके भी मिल रहे हैं।
लगातार बढ़ रही हैं सीटें
स्वास्थ्य सचिव डा. सैयद आबिद रशीद शाह का कहना है कि पांच वर्ष पहले जम्मू-कश्मीर में एमबीबीएस की मात्र 500 सीटें थी जो कि अब बढ़कर 1725 हो गई है। पहले कोई भी आयुर्वेद और होम्योपैथी कालेज नहीं होता था लेकिन अब आयुर्वेद कालेज में पीजी कोर्स शुरू हो रहा है।
जम्मू-कश्मीर में पांच वर्ष पहले तक डीएनबी की मात्र 20 सीटें थी जो कि अब बढ़ कर 436 हो गई है। बीएससी नर्सिंग की सीटें 685 से बढ़कर 3050, पैरामेडिक्स की 900 सीटें हो गई हैं।
एमएससी नर्सिंग की पहले एक भी सीट नहीं थी लेकिन अब 150 हो गई हैं। एमबीबीएस के बाद पीजी की पहले 500 सीटें थी जो कि अब बढ़ कर 902 हो गई हैं। अब नए मेडिकल कालेजों में भी पीजी शुरू हो गई हैं। |