सांकेतिक तस्वीर।
जागरण संवाददाता, देहरादून: जनजाति क्षेत्र कालसी में पाकिस्तान के व्यक्तियों की ओर से अपनी पैतृक भूमि होने का दावा करने की चौंकाने वाली बात सामने आई है। उत्तराखंड स्वाभिमान मोर्चा ने कालसी तहसील और आसपास के जनजातीय क्षेत्रों में हो रहे कथित डेमोग्राफिक बदलाव को लेकर गंभीर आरोप लगाए। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष बाबी पंवार ने कहा कि यह मुद्दा न केवल स्थानीय जनजाति समुदाय, बल्कि राज्य और देश की सुरक्षा से भी सीधा जुड़ा हुआ है। प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी।
उत्तरांचल प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस वार्ता में बाबी पंवार ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर निवासी और वहां की पुलिस में कार्यरत रहे गुलाम हैदर ने भ्रष्ट तंत्र, सत्ता पक्ष के नेताओं और कुछ संगठनों के बैकडोर सहयोग से कालसी क्षेत्र में भूमि क्रय जैसे गंभीर कार्य किए।
दावा किया कि इस विवाद से जुड़े दो वीडियो पाकिस्तान से जारी हुए हैं, जिनमें यहां पाकिस्तानी नागरिक अपनी पुस्तैनी भूमि होने का दावा कर रहा है। इससे मामला और संदेहास्पद हो गया है। कहा कि यह मामला पहली बार नहीं उठ रहा है।
फरवरी 2024 में भी मोर्चा ने इस प्रकरण को उजागर किया था, जिसके बाद कुछ कार्रवाई हुई, लेकिन बाद में लीपापोती कर मामला दबाने का प्रयास हुआ। प्रेस वार्ता में महानगर अध्यक्ष रामकुमार शंखधर, कैप्टन भरत सिंह रावत, कैप्टन पूरन सिंह रावत, अनिल डोभाल, संजय चौहान, जसपाल, संजिव शर्मा सहित कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कालसी-विकासनगर में फर्जी प्रमाणपत्र बनाने का दावा
प्रदेश अध्यक्ष ने यह भी कहा कि विकासनगर और कालसी तहसीलों में फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनाने की शिकायतें मिल रही हैं, जो डेमोग्राफी बदलने की एक बड़ी साजिश की ओर संकेत करती हैं। बाबी पंवार ने कहा कि भाजपा सरकार डेमोग्राफी के मुद्दे पर बड़े-बड़े दावे कर रही है, मगर यह मामला उन दावों की पोल खोलने वाला है।
पंवार ने मांग की कि ऐसे मामलों में शामिल अधिकारियों पर तत्काल कड़ी कार्रवाई हो और उन्हें सेवा से बर्खास्त किया जाए। उन्होंने सरकार को चेताया कि यदि कार्रवाई नहीं हुई तो स्वाभिमान मोर्चा जनता के साथ सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा। |