deltin51
Start Free Roulette 200Rs पहली जमा राशि आपको 477 रुपये देगी मुफ़्त बोनस प्राप्त करें,क्लिकtelegram:@deltin55com

Bihar New Rail Line: बिहार में यहां बिछेगी नई रेलवे लाइन, 400 KM होगी लंबाई; 17 हजार करोड़ होंगे खर्च

cy520520 2025-12-4 23:43:38 views 728

  

पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से झाझा के बीच बनेगी तीसरी-चौथी रेल लाइन। प्रतीकात्मक तस्वीर



जागरण संवाददाता, पटना। पूर्व मध्य रेल ने यात्रियों की सुविधा और मालगाड़ी परिचालन को सुचारू बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम बढ़ाया है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से झाझा के बीच तीसरी और चौथी रेल लाइन के निर्माण की महत्वाकांक्षी परियोजना को रेलवे बोर्ड से चरणबद्ध स्वीकृति मिल गई है। 400 किलोमीटर लंबी इस रेल लाइन के निर्माण पर 17 हजार करोड़ रुपये की लागत आएगी। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

परियोजना पूरी होने पर औद्योगिकीकरण को नई रफ्तार मिलेगी और बिहार की कनेक्टिविटी भी मजबूत होगी। पूर्व मध्य रेल के अनुसार मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चन्द्र के अनुसार परियोजना को छह छोटे-छोटे रेलखंडों में बांटकर निर्माण कार्य तेजी से पूरा करने की योजना बनाई गई है।

इनमें पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से दानापुर, दानापुर से फतुहा, फतुहा से बख्तियारपुर, बख्तियारपुर से पुनारख, पुनारख से किऊल और किऊल से झाझा खंड शामिल हैं।

रेलवे बोर्ड ने प्रथम चरण में बख्तियारपुर-फतुहा (24 किमी) और बख्तियारपुर-पुनारख (30 किमी) खंड की स्वीकृति प्रदान कर दी है।

बख्तियारपुर-फतुहा खंड पर 6.6 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण सहित 931 करोड़ रुपये तथा बख्तियारपुर-पुनारख खंड पर एक हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण सहित 392 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। बख्तियारपुर-पुनारख की निविदा प्रक्रिया शीघ्र पूरी कर ली जाएगी, जिसके बाद भूमि अधिग्रहण और निर्माण प्रारंभ होगा।
पुनारख-किऊल खंड के लिए 2514 करोड़ होंगे खर्च:

पुनारख-किऊल खंड के लिए 2514 करोड़ रुपये और किऊल-झाझा खंड के लिए 903 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली स्वीकृति अंतिम चरण में है। अन्य खंडों के प्रस्ताव भी विभिन्न स्तरों पर स्वीकृति की प्रक्रिया में हैं। रेल प्रशासन ने बताया कि पटना क्षेत्र में भूमि की कमी के कारण दानापुर-पटना के बीच मौजूद दो स्टेबलिंग लाइनों को हटाकर तीसरी और चौथी लाइन बनाई जाएगी।

वहीं, पटना से पटना सिटी सेक्शन में जगह की कमी होने से एक अतिरिक्त लाइन अप और डाउन दिशाओं में रिवर्सेबल तरीके से चलाई जाएगी। पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से झाझा रेल खंड का निर्माण 1860-70 के दशक में हुआ था और बाद में इसका दोहरीकरण किया गया। बीते कई दशकों में जनसंख्या और औद्योगिक गतिविधियों में वृद्धि के साथ ट्रैकों पर गाड़ियों का दबाव कई गुना बढ़ गया है।

परिणामस्वरूप समय पालन में कठिनाइयां और ट्रैक रखरखाव में बाधाएं आने लगी थीं। इन समस्याओं के समाधान के लिए क्षमता विस्तार आवश्यक हो गया था।

पूर्व मध्य रेल के अनुसार, तीसरी और चौथी लाइन के साथ-साथ ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर भी मालगाड़ी संचालन को सुगम बनाएगा। नई लाइनों के निर्माण से माल और यात्री दोनों तरह की ट्रेनों का परिचालन बेहतर होगा। साथ ही अतिरिक्त ट्रेनों को चलाने के रास्ते खुलेंगे, जिससे बिहार के औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।
like (0)
cy520520Forum Veteran

Post a reply

loginto write comments
cy520520

He hasn't introduced himself yet.

410K

Threads

0

Posts

1210K

Credits

Forum Veteran

Credits
128933