झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में नियुक्ति को लेकर घोर अनियमितता का आरोप लगाया गया है।
जागरण संवाददाता, रांची । झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय में नियुक्ति को लेकर घोर अनियमितता बरती गई। पूर्व शिक्षक सौरभ प्रताप सिंह ने रक्षा विवि से सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी है और वहीं राजभवन से न्यायिक जांच की गुजारिश भी की है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
आरोप है कि प्रतिभाशाली अध्यापकों को दरकिनार कर ऐसे लोगों को नियुक्त किया गया जिनकी डिग्री, योग्यता और अनुभव पर भी सवाल उठ रहा है। यही नहीं, जब यह मामला तूल पकड़ा तब रक्षा विवि की वेबसाइट से भी जानकारी हटा दी गई। हालांकि कुछ ने स्क्रीन शाट लेकर रख लिया है।
सौरभ का कहना है कि यहां पर विकास अग्रवाल असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। आठ साल का अनुभव लिखा गया है। उनकी उम्र 33 साल है। ऐसे में उनके अनुभव पर भी सवाल उठता है। विवि प्रशासन से तंग आकर 2024 से अब तक चार लोगों ने यहां से त्यागपत्र देकर चले गए।
क्या है मामला
आपदा प्रबंधन के सहायक प्राध्यापक पद के लिए मात्र दो उम्मीदवारों को ही साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया । जबकि नियमत: कम से कम तीन उम्मीदवारों का होना अनिवार्य है। कंप्यूटर विषय के सहायक प्राध्यापक पद के लिए कई पीएचडीधारकों एवं अनुभव प्राप्त उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए भी योग्य नहीं माना गया।
लेकिन ऐसे उम्मीदवार का चयन किया गया, जिनके पास इस क्षेत्र में कार्य करने का कोई अनुभव नहीं है। यह मात्र नेट की डिग्री प्राप्त किए हुए है। फारेंसिक साइंस विषय के सहायक प्राध्यापक पद के लिए चयनित उम्मीदवार के पीएचडी का कोर्स वर्क मार्कशीट एवं पंजीकरण प्रमाण पत्र उम्मीदवार के पास उपलब्ध ही नहीं है।
साथ ही पीएचडी डिग्री का नोटिफिकेशन जारी नहीं किया गया है। ऐसे उम्मीदवार का चयन कर लिया गया। सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष पद के लिए कई योग्य उम्मीदवारों ने आवेदन दिया था। पर ऐसे व्यक्ति का चयन किया गया है, जिनकी पुस्तकालय विज्ञान की मास्टर डिग्री जिस संस्थान से है, उसे न्यायालय ने फर्जी घोषित कर दिया है।
यह भी संदेहास्पद है । साक्षात्कार में पब्लिकेशन के लिए निर्धारित कुल 20 में 20 अंक दिया गया है। झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कुलसचिव द्वारा 4 सहायक प्राध्यापक एवं 1 सहायक पुस्तकालयाध्यक्ष के पद पर चयनित उम्मीदवारों के मूल प्रमाण पत्रों का सत्यापन उचित एवं निष्पक्ष रूप से नहीं करवाया गया।
उच्च स्तरीय जांच की मांग
इन सब बिंदुओं पर राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया है और संज्ञान लेते हुए उच्चस्तरीय न्यायिक जांच की मांग की गई है। पूर्व अध्यापक डा सौरभ ने बताया कि यहां काफी अनियमितता बरती गई है। हमने सूचना के अधिकार के तहत भी जानकारी मांगी है। यहां पर स्थायी कुलपति एवं रजिस्ट्रार नहीं हैं। प्रभार में ही राज्य का पहला विवि चल रहा है।
आपदा प्रबंधन विषय अकादमी काउंसिल से पास नहीं था। काउंसिल थी ही नहीं। कुलपति को अधिकार है कि वह विवि में नए विषयों को संचालित कर सकता है। इसी के तहत आपदा प्रबंधन की पढ़ाई हो रही है। सभी प्रमाण पत्रों की जांच की जा चुकी है। इसके लिए कमेटी बनी थी। जांच में सब सही पाया गया है। यहां किसी तरह की कोई अनियमितता नहीं बरती गई है। नियमानुसार ही पढ़ाई हो रही है और लोगों की नियुक्ति भी।
डा हेमेंद्र भगत, रजिस्ट्रार, झारखंड रक्षा विवि। |