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दो करोड़ से ज्यादा की दवा हो गई एक्सपायर, मूल्यांकन नहीं होने के कारण आई यह नौबत

LHC0088 2025-12-4 17:08:40 views 149

  

कार्यपालक निदेशक ने 20 तक का दिया अल्टीमेटम। फाइल फोटो  



जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर। Muzaffarpur News: जिले में माडल अस्पताल से लेकर पीएचसी तक बिना उपयोग के दवाएं बड़ी मात्रा में एक्सपायर हो गईं। राज्य स्तरीय समीक्षा में दो करोड़ 46 लाख 96 हजार 167 रुपये की दवाएं एक्सपायर होने का मामला सामने आया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

इसे गंभीरता से लेते हुए मुख्यालय ने हर माह की 10 तारीख तक दवाओं का मूल्यांकन करने का निर्देश दिया है।राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने 20 दिसंबर तक सभी एक्सपायरी दवाओं को विनिष्ट करने का आदेश जारी किया है।

इसके साथ ही चेतावनी दी है कि समय सीमा के भीतर दवा निस्तारण नहीं होने पर इसके लिए सिविल सर्जन, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम प्रबंधक जिम्मेदार होंगे।

मुख्यायालय द्वारा जारी पत्र में सभी जिलों को यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि अस्पतालों में रखी एक्सपायरी दवाओं का न्यूनतम नुकसान हो तथा पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के साथ पूरी की जाए।

उपलब्ध औषधियों की मात्रा, समाप्ति तिथि एवं निस्तारण की स्थिति की अद्यतन जानकारी डीवीडीएमएस पोर्टल पर दर्ज करना अनिवार्य होगा। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार अस्पतालों के गोदाम में मौजूद एक्सपायर औषधियों का विवरण पोर्टल पर चिन्हित करना होगा।
दवाओं का अनिवार्य रूप से होगा स्थानांतरण

सरकारी अस्पतालों में दवाओं के उपयोग को लेकर अब अधिक सतर्कता बरती जाएगी। बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कारपोरेशन लिमिटेड (बीएमएसआईसीएल) ने दवाओं के बड़े पैमाने पर एक्सपायर होने की रिपोर्ट के बाद निगरानी कड़ी कर दी है।

जिन दवाओं की एक्सपायरी तिथि में तीन माह शेष हों और उनके निर्धारित समय में खपत की संभावना कम हो, उन्हें समय रहते अन्य स्वास्थ्य संस्थानों में स्थानांतरित करना अनिवार्य होगा।

ऐसी दवाओं की सूची हर माह एक से पांच तारीख तक तैयार कर सिविल सर्जन को भेजनी होगी। सिविल सर्जन 10 तारीख तक समीक्षा कर तय करेंगे कि कौन-सी दवाएं किस स्वास्थ्य संस्थान में भेजी जाएं।

यदि किसी जिले में दवाएं खर्च नहीं हो पाती हैं, तो उन्हें अंतरजिला स्थानांतरण के तहत अन्य जिलों में भेजा जाएगा। इसका पूरा विवरण उसी दिन बीएमएसआइसीएल को सूचित करना अनिवार्य होगा।

चिकित्सा महाविद्यालय अस्पतालों एवं अनुमंडलीय अस्पतालों को भी अपने स्तर पर दवाओं की समीक्षा कर हर माह 10 तारीख तक रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया गया है। अस्पतालों को सुनिश्चित करना होगा कि दवाएं समय रहते उन स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंच जाएं, जहां इनकी जरूरत है। सिविल सर्जन डा.अजय कुमार ने कहा कि मुख्यालय के गाइड लाइन की समीक्षा की जाएगी। उसका पालन होगा।
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