अब तक के अभियान में सामना आया बाेगस वोटरों का आंकड़ा, पांच लाख पहुंच सकती है संख्या। जागरण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर। जिले में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआइआर) अभियान के दौरान मतदाता सूची की बड़ी खामियां सामने आ रही हैं। अभियान के तहत बुधवार की शाम तक बीएलओ द्वारा घर-घर सत्यापन में यह तथ्य उभरकर आया है कि करीब 4.25 लाख वोटर ऐसे हैं जो अपने पते पर मिल ही नहीं रहे। इनके नाम कटने तय हैं। अभियान पूरा होने तक यह संख्या पांच लाख तक पहुंच सकती है। जिले में पंजीकृत लगभग 36 लाख मतदाताओं में से इतने लोगों का गायब होना निर्वाचन व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहा है। इन सभी के नाम मतदाता सूची से हटने तय हैं। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
एसआइआर अभियान के तहत अब तक 81 प्रतिशत गणना प्रपत्रों के डिजिटाइजेशन का कार्य पूरा हो चुका है। सबसे धीमी रफ्तार शहर और ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र की है। बुधवार की शाम तक शहर में 67 प्रतिशत और ग्रामीण विधानसभा में 68 प्रतिशत गणना प्रपत्रों के ही डिजिटाइजेश का काम पूरा हो पाया।
बीएलओ की रिपोर्ट के अनुसार सबसे अधिक दोहरे, बोगस, शिफ्टेड और मृतक वोटरों की संख्या भी शहर और ग्रामीण विधानसभा क्षेत्रों में ही दिख रही है। यहां बड़ी संख्या में ऐसे मतदाता पाए जा रहे हैं जो या तो अब इस पते पर नहीं रहते या फिर उनके नाम दो या उससे अधिक जगह की मतदाता सूची में दर्ज हैं।
बड़ी संख्या में लोग नौकरी, पढ़ाई या व्यवसाय के लिए शहर में रहते हुए यहीं से वोटर बन गए थे। लेकिन, अब एसआइआर अभियान में उन्हें एक ही जगह वोटर चुने जाने की बाध्यता है तो ऐसे में कई लोग अपने मूल गांव, नगर पंचायत या दूसरे जिलों के पते से ही प्रपत्र भर रहे हैं, जिसके कारण वे या तो गणना प्रपत्र ले नहीं रहे या फिर भरकर वापस नहीं दे रहे।
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यह भी सामने आया है कि कुछ लोग काफी पहले गांव वापस लौट चुके थे, कुछ परिवार अन्य शहरों में शिफ्ट हो गए, जबकि कई मतदाता मृत्युपरांत भी सूची में दर्ज थे। मृतकों की संख्या करीब एक लाख है। अब इन सभी को गैरहाजिर/ट्रेस नाट फाउंड की श्रेणी में चिह्नित किया जा रहा है।
अभी बीएलओ द्वारा 11 दिसंबर तक गणना प्रपत्र भरवाने, उनके सत्यापन और डिजिटाइजेशन संबंधी कार्य जारी रहेगा। इसलिए, बोगस और दोहरे वोटरों की वास्तविक संख्या और बढ़ेगी। अभियान के पूर्ण होने के बाद ही स्पष्ट आंकड़ेे सामने आ सकेंगे।
एसआइआर अभियान के दौरान अब तक 2025 की मतदाता सूची में दर्ज 36 लाख वोटरों में से करीब 11.50 प्रतिशत मतदाता मौके पर नहीं मिले हैं। इनमें से कई मतदाता या तो दूसरे जगह शिफ्ट हो गए या इनकी डंबल एंट्री थी या फिर मर चुके हैं। इनके नाम वोटर लिस्ट से काटे जाएंगे। -
- विनीत सिंह, उप जिला निर्वाचन अधिकारी |