देश के 6.34 लाख से ज्यादा गांव मोबाइल कनेक्टिविटी से जुड़े (सांकेतिक तस्वीर)
आईएएनएस, नई दिल्ली। केंद्रीय संचार और ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डा. पेम्मासानी चंद्रशेखर ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क मार्च 2018 के 17.5 लाख किलोमीटर से बढ़कर सितंबर 2025 तक 42.36 लाख किलोमीटर हो गया है, जबकि बेस ट्रांसीवर स्टेशनों की संख्या मार्च 2018 के 17.3 लाख से बढ़कर अक्टूबर 2025 तक 31.4 लाख हो गई है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
देश के डिजिटल बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय वृद्धि
इससे पिछले कुछ वर्षों में देश के डिजिटल बुनियादी ढांचे में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अक्टूबर 2025 तक, भारत के 6,44,131 गांवों में से 6,34,019 गांव मोबाइल कनेक्टिविटी से जुड़े हैं, जिनमें से 6,30,676 में 4जी सेवाएं हैं।
इसके साथ ही ब्राडबैंड सब्सक्रिप्शन सितंबर 2018 में 48 करोड़ से बढ़कर जून 2025 में 98 करोड़ हो गए हैं। इसके अतिरिक्त, 31 अक्टूबर, 2025 तक देश भर में 3.80 लाख पीएम-वाणी वाई-फाई हॉटस्पाट स्थापित किए जा चुके हैं।
मंत्री ने कहा कि देश में डाटा की खपत में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो सितंबर 2018 में प्रति ग्राहक प्रति माह 8.32 जीबी से बढ़कर सितंबर 2025 में 25.24 जीबी प्रति ग्राहक प्रति माह हो गई है, जबकि इसी अवधि के दौरान औसत वायरलेस डेटा शुल्क 10.91 रुपये प्रति जीबी से घटकर 8.27 रुपये हो गया है।
भारतनेट के तहत 2.18 लाख पंचायतें हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराने के लिए तैयार
केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन (ललन) सिंह ने कहा कि देश की 2.69 लाख ग्राम पंचायतों में से लगभग 2.18 लाख पंचायतें केंद्र की भारतनेट परियोजना के तहत हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए तैयार हो गई हैं।
भारतनेट परियोजना सभी गांवों और ग्राम पंचायतों के लिए हाई-स्पीड ब्राडबैंड नेटवर्क बनाने की एक सरकारी पहल है। राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में मंत्री कहा कि सभी राज्य ई-पंचायत मिशन मोड परियोजना को लागू करने के लिए प्रयास कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं में ई-गवर्नेंस को मजबूत करना है। |