गाजियाबाद में पिछले करीब दो वर्ष में ऐसे 40 मामले दर्ज किए गए हैं।
विनीत कुमार, गाजियाबाद। सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद डिजिटल अरेस्ट से जुड़े मामलों की जांच अब सीबीआई को ट्रांसफर की जाएगी। गाजियाबाद में पिछले करीब दो वर्ष में ऐसे 40 मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें साइबर ठगों ने लोगों को वाट्सएप काल व वीडियो कॉल पर धमकाकर डिजिटल अरेस्ट बताया और 10.2 करोड़ रुपये विभिन्न खातों में ट्रांसफर करा ली। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
पुलिस इनमें से 1.30 करोड़ रुपये वापस करा चुकी है। जनपद में दर्ज ये सभी प्रकरण अब सीबीआई को सौंपे जाने की तैयारी में हैं ताकि संगठित स्तर पर इस नए और खतरनाक साइबर अपराध की गहराई से जांच हो सके। वर्ष 2024 से पूर्व के ऐसे मामले में भी ट्रांसफर किए जा सकते हैं।
जनवरी 2024 में साइबर क्राइम थाना शुरू होने के बाद गाजियाबाद में डिजिटल अरेस्ट के 40 प्रकरणों में ठगों ने कुल मिलाकर 10.2 करोड़ रुपये पीड़ितों से ठगे। ठग खुद को पुलिस, सीबीआइ, बैंक, प्रवर्तन निदेशालय या कूरियर कंपनी का अधिकारी बताकर पीड़ित को डराते हैं और कहते हैं कि उनका आधार, बैंक खाता या मोबाइल सिम का उपयोग मनी लांड्रिंग में हुआ है। इसके बाद सत्यापन और जांच के नाम पर खाते खाली करा लिए जाते हैं। कई मामलों में पीड़ितों को घंटों तक वीडियो काल पर रखा गया, ताकि वे किसी से संपर्क न कर पाएं।
पुलिस के अनुसार कुछ मामलों में पीड़ितों द्वारा शिकायत दर्ज कराए जाने के बाद बैंक खातों को फ्रीज कराकर धनराशि वापस कराई गई है, लेकिन बड़े नेटवर्क से जुड़े कुछ मामलों में ठगों की गिरफ्तारी अभी तक नहीं हो सकी है। आरोपित ज्यादातर फर्जी सिम, म्यूल बैंक खातों और विदेश आधारित वर्चुअल नंबरों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे उनकी लोकेशन व पहचान आसानी से ट्रेस नहीं हो पाती।
डिजिटल अरेस्ट के प्रमुख मामले
- 03 नवंबर को चिरंजीव विहार निवासी 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट बताकर लगभग 43 लाख रुपये ठगे
- 10 अक्टूबर को वसुंधरा निवासी एफसीआइ के सेवानिवृत अधिकारी को डिजिटल अरेस्ट बताकर 60 लाख रुपये ठगे
- 25 अगस्त को इंदिापुरम निवासी बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट बताकर 1.08 करोड़ रुपये ठगे
ठगों को खाता देने वाला आरोपित दबोचा था
साइबर क्राइम थाना पुलिस ने डिजिटल अरेस्ट बताकर लोगों से ठगी करने वाले गिराेह के एक बदमाश अनुज मित्तल को 17 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। आरोपित ठगों को 10 प्रतिशत कमीशन पर खाता मुहैया कराता था। इस गिरोह ने वसुंधरा निवासी संजय कुमार को मनी लांड्रिंग केस का भय दिखाकर डिजिटल अरेस्ट बताकर पांच सितंबर से 12 सितंबर के बीच विभिन्न बैंक खातों में 19.90 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए थे।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मुख्यालय स्तर से जैसे ही निर्देश आएंगे केसों को सीबीआइ को भेज दिया जाएग। - केशव कुमार चौधरी, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त क्राइम |