नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) को नवरत्न का दर्जा मिला है।
नई दिल्ली। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) को नवरत्न का दर्जा दिया है। इससे पहले, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के तहत आने वाला एनआरएल के पास मिनीरत्न का दर्जा था।
वित्त मंत्रालय के तहत सार्वजनिक उपक्रम विभाग ने मंगलवार को ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘माननीय वित्त मंत्री ने नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) को नवरत्न केंद्रीय लोक उपक्रम (सीपीएसई) का दर्जा देने को मंजूरी दे दी है। एनआरएल, सीपीएसई में 27वीं नवरत्न कंपनी होगी।’’ विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
सालाना कारोबार 25,147 करोड़ रुपये
एनआरएल पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय की उपक्रम है। इसका सालाना कारोबार 25,147 करोड़ रुपये का है। वित्त वर्ष 2024-25 में इसे 1,608 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा हुआ था।
एनआरएल के बहुलांश शेयरधारक ऑयल इंडिया लिमिटेड हैं। कंपनी की 69.63 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि असम सरकार के पास 26 प्रतिशश्त और इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड के पास 4.37 प्रतिशत शेयरधारिता है।
नवरत्न दर्जे से क्या फायदा मिलेगा
नवरत्न दर्जे से वित्तीय और परिचालन स्वायत्तता काफी बढ़ जाएगी। यह स्वायत्तता कंपनी को हर सामरिक कदम के लिए सरकार की साफ मंजूरी के बिना तेजी से, स्वतंत्र फैसले लेकर घरेलू और वैश्विक बाजार में ज्यादा असरदार तरीके से मुकाबला करने में मदद करने के लिए बनाई गई है। इससे कंपनी को सरकार की मंजूरी के बिना एक ही परियोजना पर 1,000 करोड़ रुपये या अपनी नेट वर्थ का 15 प्रतिशत तक निवेश करने में मदद मिलेगी।
भाषा इनपुट के साथ |