विधि संवाददाता, पटना। पटना हाई कोर्ट ने श्वेता सुमन की याचिका पर सुनवाई करते हुए बीपीएससी को चार सप्ताह के भीतर अभ्यर्थी से जुड़े विवाद को विशेषज्ञ समिति के माध्यम से निर्धारित समय सीमा में निपटाने का निर्देश दिया है। विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें
न्यायाधीश अजीत कुमार की एकलपीठ ने कहा कि चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित करने के लिए आयोग को ऐसे मामलों पर तत्काल ध्यान देना आवश्यक है।
याचिकाकर्ता ने दावा किया कि उसकी पात्रता उसी तरह है, जैसे एक अन्य अभ्यर्थी की, जिसे पहले विचार में लिया गया था। कोर्ट को बताया गया कि मामला बीएचयू के संस्कृत आनर्स के अभ्यर्थियों से संबंधित है।
कोर्ट ने प्राथमिक तौर पर इसे विचार योग्य मानते हुए मामले को बीपीएससी की विशेषज्ञ समिति को भेजने का आदेश दिया।
अदालत ने निर्देश दिया है कि याचिकाकर्ता 15 दिसंबर 2025 को दोपहर 12 बजे बीपीएससी सचिव के समक्ष उपस्थित हों। उनकी उपस्थिति के बाद सचिव संबंधित विषय के विशेषज्ञों की समिति गठित करेंगे, जो पहली बैठक के चार सप्ताह के भीतर विस्तृत और कारणयुक्त निर्णय देगी।
कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि समिति याचिकाकर्ता का दावा सही पाती है, तो बीपीएससी को विधि सम्मत कार्रवाई करते हुए उन्हें उचित लाभ उपलब्ध कराना होगा। |